Happy Basant Panchami Images 2020 Wishes, Quotes, Status, Wallpapers, Messages, Photos, Pics: आज बसंत पंचमी है। आध्यात्मिक तौर पर देखें तो मां सरस्वती के आगमन की तिथि यानी सरस्वती पूजा घर घर होगी। विद्या की देवी की आराधना। वहीं अगर भौतिक संसार की बात करें तो आज वसंत ऋतु की पांचवीं तिथि है। हिंदू पंचांग (कैलेंडर) के अनुसार, पंचमी तिथि 29 जनवरी को सुबह 10.45 बजे से शुरू होगी और 30 जनवरी को दोपहर 1.00 बजे समाप्त होगी।
वसंत पंचमी का त्योहार हर साल माघ महीने में हिंदू कैलेंडर (फरवरी-मार्च के बीच) के अनुसार मनाया जाता है। हिंदी में बसंत का अर्थ है ‘वसंत’ और पंचमी का अर्थ है पांचवां, इसलिए वसंत पंचमी माघ के हिंदू कैलेंडर महीने के पांचवें दिन पड़ता है। यह होलिका और होली के अन्य प्रमुख हिंदू त्योहारों की तैयारी की शुरुआत का भी प्रतीक है, जो चालीस दिन बाद होते हैं।
बसंत पंचमी वसंत की शुरुआत का प्रतीक है – जो सभी मौसमों का राजा। यह त्योहार सरसों की फसल के पीले फूलों के साथ कृषि क्षेत्र के पकने का भी जश्न मनाता है। लोग वसंत पंचमी त्योहार को पीले रंग के कपड़े पहनकर, पीले रंग के मीठे व्यंजन खाकर और घरों में पीले फूलों का प्रदर्शन करके मनाते हैं। बसंत पंचमी को और खास बनाने के लिए अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को आप बेहतरीन कोट्स और मैसेज भेज सकते हैं और उन्हें ढेर सारी शुभकामनाएं दे सकते हैं।
Happy Saraswati Puja 2020 Wishes Images, Status, Quotes, Wallpapers, SMS, Messages
1. इस साल का यह बसंत
आपको खुशियां दे अनंत
प्रेम और उत्साह से
भर दे जीवन में रंग
हैप्पी बसंत पंचमी
2. किताबों का साथ हो और पढाई दिन रात हो,
जिंदगी के हर इम्तिहान में आप हमेशा पास हो।
सरस्वती पूजा और बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं

Highlights
बसंत पंचमी पर पूजा के समय सरस्वती वंदना, मंत्र और आरती करने से उसका विशेष फल प्राप्त होता है। माता सरस्वती के आशीर्वाद से व्यक्ति को कला और शिक्षा के क्षेत्र में अपार सफलताएं प्राप्त होती हैं।
कहा जाता है कि, बसंत पंचमी पर कामदेव और उनकी पत्नी रति धरती पर आकर प्रेम रस का संचार करते हैं। इसलिए इस दिन मां सरस्वती के साथ कामदेव और रति की पूजा भी की जाती है।
‘आया बसंत, पाला उडंत’ कहावत का मतलब है कि बसंत पंचमी आ गई है अब मौसम में बदलाव होगा। दिन पहले की अपेक्षा थोड़ा गर्म होना शुरू होंगे।
पंचमी के बाद षष्ठी के दिन मूर्ति विसर्जन होता है। इस बार वसंत पंचमी का प्रारंभ 29 जनवरी को हो रहा है और माघ शुक्ल षष्ठी दोपहर 01:19 बजे के बाद लगेगी। इस तरह से आप संध्या काल में विधिपूर्वक मूर्ति का विसर्जन कर सकते हैं।
पंचमी तिथि का प्रारंभ 29 जनवरी बुधवार को दिन में 10:45 बजे से हो रहा है, जो 30 जनवरी गुरुवार को दोपहर 01:19 बजे तक है। ऐसे में आपको मूर्ति की पूजा गुरुवार को सुबह ही करनी चाहिए क्योंकि उदया काल 30 जनवरी को प्राप्त हो रहा है।
वसंत पंचमी के दिन कोई भी नया काम प्रारम्भ करना भी शुभ माना जाता है। जिन व्यक्तियों को गृह प्रवेश के लिए कोई मुहूर्त ना मिल रहा हो वह इस दिन गृह प्रवेश कर सकते हैं या फिर कोई व्यक्ति अपने नए व्यवसाय को आरम्भ करने के लिए शुभ मुहूर्त को तलाश रहा हो तो वह वसंत पंचमी के दिन अपना नया व्यवसाय आरम्भ कर सकता है। इसी प्रकार अन्य कोई भी कार्य जिनके लिए किसी को कोई उपयुक्त मुहूर्त ना मिल रहा हो तो वह वसंत पंचमी के दिन वह कार्य कर सकता है।
1- माघ माह की पंचमी तिथि को मां सरस्वती की विशेष पूजा की जाती है।
2- पूजा में सफ़ेद कमल पर बैठी वीणाधारिणी मां सरस्वती का स्वरूप सर्वोत्तम माना जाता है।
3- सफ़ेद अथवा पीले वस्त्र धारण करके इनकी पूजा करनी चाहिए और पूजा का आसन भी पीला हो तो सर्वोत्तम माना जाता है।
4- पूजा में सफ़ेद अथवा पीले फूल तथा हलवा या मेवा का भोग लगाना चाहिए।
समस्त संसार को ध्वनि प्रदान करने वाली मां सरस्वती की पूजा देवता और असुर दोनों ही करते हैं। इस दिन लोग अपने-अपने घरों में माता की प्रतिमा स्थापित करते हैं। कई स्कूल, कॉलेजों, समितियों और संस्थाओं में भी सरस्वती पूजन का आयोजन होता है।
इस दिन मां सरस्वती की पूजा करने के बाद 2 से 10 वर्ष की आयु तक की कन्याओं को घर बुलाकर पीले चावल खिलाएं। इन कन्याओं को पीले रंग की वस्तुएं भेंट स्वरूप दान करें। ऐसा करने से आपके ज्ञान, विद्या, कला और बुद्धि में वृद्धि होती है।
- इस दिन पीले, बसंती या सफेद वस्त्र धारण करें. पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके पूजा की शुरुआत करें.
- मां सरस्वती को पीला वस्त्र बिछाकर उस पर स्थापित करें और रोली मौली, केसर, हल्दी, चावल, पीले फूल, पीली मिठाई, मिश्री, दही, हलवा आदि प्रसाद के रूप में उनके पास रखें.
- मां सरस्वती को श्वेत चंदन और पीले तथा सफ़ेद पुष्प दाएं हाथ से अर्पण करें.
लेकर मौसम की बहार,
आया बसंत ऋतु का त्योहार,
आओ हम सब मिलके मनाए,
दिल में भर के उमंग और प्यार,
बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं
मंदिर की घंटी, आरती की थाली,
नदी के किनारे सूरज की लाली,
जिंदगी में आए खुशियों की बहार,
आपको मुबारक हो बसंत पंचमी का त्योहार
साल 2020 इस वर्ष में दो दिन बसंत पंचमी मनाई जा रही है, 29 जनवरी को सुबह 10.45 बजे से पंचमी शुरू हो जाएगी और 30 जनवरी को दोपहर 1.20 बजे तक पंचमी तिथि रहेगी।
पंचमी के दिन मूर्ति स्थापना होती है और षष्ठी के दिन मूर्ति विसर्जन होता है। इस बार वसंत पंचमी का प्रारंभ 29 जनवरी को हो रहा है और माघ शुक्ल षष्ठी दोपहर 01:19 बजे के बाद प्रारंभ हो रही है। ऐसे में आप दोपहर के बाद संध्या काल में विधिपूर्वक मूर्ति का विसर्जन करें।
माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को वसंत पंचमी मनाई जाती है। ऐसे में पंचमी तिथि का प्रारंभ 29 जनवरी बुधवार को दिन में 10:45 बजे से हो रहा है, जो 30 जनवरी गुरुवार को दोपहर 01:19 बजे तक है। ऐसे में आपको मां सरस्वती की मूर्ति की स्थापना बुधवार पंचमी तिथि में बुधवार को करें। लेकिन आपको मूर्ति की पूजा गुरुवार को सुबह ही करनी चाहिए क्योंकि उदया काल 30 जनवरी को प्राप्त हो रहा है।
इस दिन पूजा के समय सरस्वती वंदना, सरस्वती मंत्र और सरस्वती माता की आरती करनी जरूरी है। इस दिन पीले वस्त्र धारण करके माता की आराधना की जाती है। पूजा के समय सरस्वती वंदना, मंत्र और आरती करने से उसका विशेष फल प्राप्त होता है। माता सरस्वती के आशीर्वाद से व्यक्ति को कला और शिक्षा के क्षेत्र में अपार सफलताएं प्राप्त होती हैं।
1. बसंत पंचमी के दिन पीले वस्त्र धारण करें
2. सफेद फूलों से मां की उपासना करना लाभदायक होता है
3. पीले पुष्प और पीले फलों से मां की उपासना करें
4. बृहस्पति के कमजोर होने पर विद्या प्राप्त करने में बाधा आती है
5. कुंडली में अगर बुध कमजोर हो तो बुद्धि कमजोर हो जाती है
6. करियर का चुनाव भी नहीं हो पाता है
7. अगर शुक्र कमजोर हो तो मन की चंचलता भी होती है
8. मां को हरे फल अर्पित करें तो लाभदायक होगा
इस दिन पूजा के समय सरस्वती वंदना, सरस्वती मंत्र और सरस्वती माता की आरती करनी जरूरी है। इस दिन पीले वस्त्र धारण करके माता की आराधना की जाती है। पूजा के समय सरस्वती वंदना, मंत्र और आरती करने से उसका विशेष फल प्राप्त होता है। माता सरस्वती के आशीर्वाद से व्यक्ति को कला और शिक्षा के क्षेत्र में अपार सफलताएं प्राप्त होती हैं।
वसंत पंचमी को मुहूर्त शास्त्र के अनुसार एक स्वयंसिद्धि मुहूर्त और अनसूज साया भी माना गया है अर्थात इस दिन कोई भी शुभ मंगल कार्य करने के लिए पंचांग शुद्धि की आवश्यकता नहीं होती। ज्योतिषविदों के अनुसार, इस दिन नींव पूजन, गृह प्रवेश, वाहन खरीदना, व्यापार आरम्भ करना, सगाई और विवाह आदि मंगल कार्य किए जा सकते हैं।
इस दिन मां सरस्वती की पूजा कर उन्हें फूल अर्पित किए जाते हैं। - इस दिन वाद्य यंत्रों और किताबों की पूजा की जाती है। - छोटे बच्चों को पहली बार अक्षर ज्ञान कराया जाता है। उन्हें किताबें भी भेंट की जाती हैं। - इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है।
ऐसी धार्मिक मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती का धरती पर आगमन हुआ था। भगवान कृष्ण ने सरस्वती मां से प्रसन्न होकर उनके जन्मदिवस को एक उत्सव की तरह मनाने का उन्हें वरदान दिया। ऐसा भी माना जाता है कि इस दिन कामदेव औक उनकी पत्नी रति धरती पर आकर प्रेम रस का संचार करते हैं। इसलिए इस दिन मां सरस्वती के साथ कामदेव और रति की पूजा भी की जाती है।
इस साल का यह बसंत
आपको खुशियां दे अनंत
प्रेम और उत्साह से
भर दे जीवन में रंग
हैप्पी बसंत पंचमी 2020
पंचमी के दिन मूर्ति स्थापना होती है और षष्ठी के दिन मूर्ति विसर्जन होता है। इस बार वसंत पंचमी का प्रारंभ 29 जनवरी को हो रहा है और माघ शुक्ल षष्ठी दोपहर 01:19 बजे के बाद प्रारंभ हो रही है। ऐसे में आप दोपहर के बाद संध्या काल में विधिपूर्वक मूर्ति का विसर्जन करें।
वीणा लेकर हाथ में, सरस्वती हो आपके साथ मेंमिले मां का आशीर्वाद आपको हर दिन।
मुबारक हो आपको सरस्वती पूजा का ये दिन
Happy Basant Panchmi
किताबों का साथ हो और पढाई दिन रात हो,
जिंदगी के हर इम्तिहान में आप हमेशा पास हो।
बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं।
- इस दिन मां सरस्वती की पूजा कर उन्हें फूल अर्पित किए जाते हैं। - इस दिन वाद्य यंत्रों और किताबों की पूजा की जाती है। - छोटे बच्चों को पहली बार अक्षर ज्ञान कराया जाता है। उन्हें किताबें भी भेंट की जाती हैं। - इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनना शुभ माना जाता है।
मां सरस्वती का वसंत है त्योहार
आपके जीवन में आये सदा बहार
सरस्वती हर पल विराजे आपके द्वार
हर काम आपका हो जाए सफल
बंसत पंचमी की शुभकामनाएं
सूरज हर शाम को ढल ही जाता है,
पतझड़ बसंत में बदल ही जाता है,
मुसीबत में हिम्मत मत हारना,
समय कैसा भी हो गुजर ही जाता है।।
बसंत पंचमी की बधाई
सबसे पहले तो मां सरस्वती की प्रतिमा या मूर्ति को आसन पर बैठाएं। माता के आसन के नीचे पीला, सफेद या केसरिया रंग का वस्त्र बिछाना चाहिए। माता की पूजा में पीला और सफेद पुष्प का प्रयोग करना चाहिए। सरस्वती माता को प्रसाद के तौर पर अर्पित करने के लिए बूंदी, खीर, मालपुआ और ऋतु फल यानी इस मौसम में जो फल उपलब्ध हों वह पूजन स्थल पर रखें।
ऐसी धार्मिक मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती का धरती पर आगमन हुआ था। भगवान कृष्ण ने सरस्वती मां से प्रसन्न होकर उनके जन्मदिवस को एक उत्सव की तरह मनाने का उन्हें वरदान दिया। ऐसा भी माना जाता है कि इस दिन कामदेव औक उनकी पत्नी रति धरती पर आकर प्रेम रस का संचार करते हैं। इसलिए इस दिन मां सरस्वती के साथ कामदेव और रति की पूजा भी की जाती है।
हलके-हलके से हो बादल, खुला-खुला सा आकाश
मिल कर उड़ाएं पतंग अमन की
आओ फैलाएं खुशियों का पैगाम
Happy Basant Panchami
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, वसंत पंचमी के दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती का जन्म ब्रह्माजी के मुख से हुआ था। वह वाणी की अधिष्ठात्री देवी मानी जाती हैं। इस दिन लोग पीले वस्त्र पहनकर मां सरस्वती की पूजा करते हैं।
सरस्वती पूजा का ये प्यारा त्योहार,
जीवन में लाएगा खुशियां अपार
सरस्वती विराजे आपके द्वार,
शुभकामना हमारी करें स्वीकार...
वसंत पंचमी की शुभकामनाएं
सरस्वती नमस्तुभ्यं, वरदे कामरूपिणी,
विद्यारम्भं करिष्यामि, सिद्धिर्भवतु मे सदा।
बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं
मां शारदे कहां तू, वीणा बजा रही है। किस मंजु ज्ञान से तू,जग को लुभा रही है॥
पीले-पीले सरसों के फूल, पीली उड़ी पतंग, रंग बरसे पीले और छाए सरसों की उमंग।
जीवन में आपके रहे हमेशा बसंत के ये रंग, आपके जीवन में बनी रहे खुशियों की तरंग
बसंत पंचमी की शुभकामनाएं
किताबों का साथ हो,
पेन पर हाथ हो कॉपिया आपके पास हो,
पढ़ाई दिन रात हो जिंदगी के हर इम्तिहान में आप पास हो
हैप्पी बसंत पंचमी 2020
इस साल का यह बसंत,
आपको खुशियां दें अनंत,
प्रेम और उत्साह से भर दे जीवन के रंग
बसंत पंचमी की हार्दिक बधाई