Tips to reduce Hair Loss: अपने बालों को घना, सौम्य व चमकदार बनाने के लिए लोग तमाम तरह के हेयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं। हर किसी की पर्सनैलिटी को आकर्षक बनाने में बालों को बहुत बड़ा योगदान होता है। ऐसे में लोग इसे सुंदर बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ते। पर धूल-मिट्टी, पॉल्यूशन, मौसम में बदलाव जैसे बाहरी तत्व बालों की सेहत को प्रभावित करते हैं। इसके अलावा, चिंता, हार्मोन्स में गड़बड़, गलत खाने-पीने की आदतें, रोग, रूसी यानि कि डैंड्रफ, आदि बाल झड़ने के मुख्य कारण हैं। कई बार तमाम कोशिशों के बाद भी इस परेशानी से निजात पाना असंभव लगता है, ऐसा जेनेटिकली हो सकता है। बता दें कि बालों की परेशानी अनुवांशिक भी हो सकती है। आइए जानते हैं –

क्या होता है अनुवांशिक हेयर लॉस: नैशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजिकल इंफॉर्मेशन में छपी एक शोध के अनुसार किसी भी इंसान में जेनेटिकल हेयर लॉस पैतृक या मातृक, परिवार के किसी भी ओर से हो सकता है। अगर माता-पिता को बाल झड़ने की परेशानी है तो बच्चों में भी 20 बरस के बाद समान लक्षण देखने को मिल सकते हैं। इसके अलावा, उनमें डिहाइड्रोटेस्टोस्टीरोन नामक हार्मोन की भी अधिकता हो सकती है। ये मेल सेक्स हार्मोन हेयर फॉलिकल्स को पतला बनाता है। लंबे समय तक इसके उत्पादन गंजेपन की नौबत भी आ सकती है। ऐसे में इन चार उपायों को अपनाना फायदेमंद साबित हो सकता है।

डाइटरी प्रोटीन को दें अहमियत: शरीर में प्रोटीन अगर पर्याप्त मात्रा में मौजूद होंगे तो इससे बालों की गुणवत्ता भी बेहतर होगी। प्रोटीन न केवल बालों का झड़ना कम कर सकते हैं, बल्कि उसे मजबूती और टेक्स्चर भी प्रदान करते हैं। सफेद बालों से निजात पाने में भी प्रोटीन का सेवन फायदेमंद है। मटन, चिकेन, मछली, अंडे, पनीर और मेवों के सेवन से शरीर में प्रोटीन की पूर्ति होती है।

बालों का हर वक्त रखें ख्याल: बालों के साथ नरमी बरतना बेहद जरूरी है। उन हेयरस्टाइल्स को अपनाने से बचें जिनमें बालों के कसे रहने की संभावना होती है। इससे बाल जड़ से खिंचते हैं जिससे डैमेज बढ़ सकता है। मालिश भी जरूरी है ताकि जड़ों को भरपूर पोषण मिल सके।

एक्सपर्ट्स की सलाह लेने में न हिचकें: अगर आपको लग रहा है परेशानी बढ़ती जा रही है तो एक्सपर्ट्स से बिना किसी झिझक के बात करें। जेनेटक हेयर लॉस को मेडिकेशन से भी कम किया जा सकता है।