Tulsidas ke Anmol Vichar: गोस्वामी तुलसीदास जी की जयंती हर साल श्रावण मास की सप्तमी तिथि को मनाई जाती है। इस साल यह शुभ दिन कल, यानी 31 जुलाई को पड़ रहा है। तुलसीदास एक महान संत होने के साथ-साथ रामभक्त भी थे। उन्होंने रामचरितमानस जैसे कई कालजयी ग्रंथों की रचना की। उन्होंने अपने जीवन के माध्यम से भक्ति, ज्ञान और सेवा का संदेश दिया। उनकी रचनाएं आज भी लोगों को जीवन के हर क्षेत्र में मार्गदर्शन प्रदान करती हैं।
तुलसीदास का जन्म कहां हुआ था?
कहा जाता है कि गोस्वामी तुलसीदास जी का जन्म उत्तर प्रदेश के राजापुर (चित्रकूट) में हुआ था। जन्म के समय रोने के बजाय उनके मुख से ‘राम’ नाम निकला था। इसी कारण उनका नाम रामबोला रख दिया गया था। बचपन में ही मां की मृत्यु हो गई थी, जिसके बाद उनकी दासी चुनिया ने उनका लालन-पालन किया। लेकिन महज पांच वर्ष की उम्र में उनका भी निधन हो गया।
तुलसीदास जी के अनमोल विचार:
एक व्यक्ति को वही स्वप्न देखना चाहिए, जो पूरा हो, क्योंकि सपने टूटने या पूरा न होने पर दुख अधिक होता है।
व्यक्ति को हमेशा परोपकारी रहना चाहिए। जिस तरह से फल आने पर वृक्ष झुक जाता है, बारिश के समय बादल झुक जाते हैं और संपत्ति के समय सज्जन का स्वभाव नम्र होता है।
मीठे वचन चारों ओर सुख ही सुख फैलाते हैं। ऐसे वचन किसी को भी अपना बना लेते हैं। इसलिए हर व्यक्ति को चाहिए कि वह कठोर वचनों को छोड़कर मीठा बोलने का प्रयास करे।
धर्म का काम किसी का मत बदलना नहीं , बल्कि मन बदलना है। एक व्यक्ति इसके आधार पर सही रास्ते में चल सकता है।
क्रोध व्यक्ति का सबसे बड़ा शत्रु होता है, जो आपके जीवन का अंत करने में सामर्थ्य है। इसका चेहरा हमेशा मित्र की तरह लगता है, लेकिन इसकी धार तलवार की तरह होती है, जो एक ही बार में सब कुछ नष्ट कर देती है।
