Tulsidas Ke Dohe In Hindi With Meaning: पूरे देश में आज महान कवि गोस्वामी तुलसीदास की जयंती धूमधाम से मनाई जा रही है। हर साल सावन मास की सप्तमी तिथि को यह जयंती मनाई जाती है। गोस्वामी तुलसीदास रामचरितमानस जैसे कई कालजयी ग्रंथों के रचयिता माने जाते हैं। उनकी रचनाओं ने हिंदी साहित्य को नई दिशा दी और जन-जन को भगवान राम के प्रति भक्ति से जोड़ दिया।

तुलसीदास के दोहे, चौपाइयां और कविताएं आज भी उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी उस समय थीं। तुलसीदास जयंती के अवसर पर पूरे देश में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। कई स्थानों पर रामचरितमानस का पाठ भी किया जाता है। ऐसे में हम आपके लिए उनके प्रसिद्ध दोहों में से एक लेकर आए हैं, जिसे आप पढ़ सकते हैं।

तुलसी दास के फेमस दोहेः Tulsidas Ke Dohe In Hindi

तुलसी इस संसार में भांति-भांति के लोग।
सबसे हसि मिल बोलिए, न जानि का दिन होय॥

बड़ा हुआ तो क्या हुआ, जैसे पेड़ खजूर।
पंछी को छाया नहीं, फल लागे अति दूर॥

धीरज, धर्म, मित्र अरु नारी।
आपद काल परखिए चारी॥

पर उपदेश कुशल बहुतेरे।
जे आचरहिं ते नर न घनेरे॥

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समरथ को नहिं दोष गोसाईं।
रवि पावक सुरसरि की नाईं॥

संत मिलन को जाइए, तजि माया अभिमान।
जैसे वन को हेत से, कुसुम भंवरि पवसान॥

Tulsidas ke Anmol Vichar: तुलसीदास जयंती पर पढ़ें उनके ये अनमोल विचार, हर क्षेत्र में मिलेगी सफलता

मुखिया मुख सो चाहिए, खान-पान कहुं एक।
पालइ पोषइ सकल अंग, तुलसी सहित विवेक॥

सियाराम मय सब जग जानी।
करहुँ प्रणाम जोरि जुग पानी॥