Gita Mahotsav 2024: सनातन धर्म में मोक्षदा एकादशी का काफी महत्व है। दरअसल, मोक्षदा एकादशी हर साल मार्गशीर्ष माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। इसके साथ ही इसी दिन गीता जयंती को भी सेलिब्रेट किया जाता है। वैसे भी एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित पर्व है।
गीता जयंती कब मनाया जाता है?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मार्गशीर्ष का महीना भगवान श्रीकृष्ण को बेहद प्रिय है। मार्गशीर्ष एकादशी के दिन ही भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था। गीता जयंती के दिन भगवान श्रीकृष्ण की पूजा की जाती है। इस साल गीता जयंती और मोक्षदा एकादशी 11 दिसंबर को मनाई जाएगी। ऐसे में इस मौके पर अगर आप अपने घर पर रंगोली बनाने का प्लान कर रहे हैं तो हम आपके लिए इस खास मौके के के लिए बेहद खास रंगोली डिजाइन लेकर आए हैं, जिसको यहां से देखकर आप बना सकते हैं।
भगवान श्रीकृष्ण ने कौन सा शंख बजाया था?
गीता जयंती के मौके पर आप शंख वाली रंगोली बना सकते हैं। इस रंगोली को देखने से कुरुक्षेत्र की याद आ रही है। युद्ध शुरू होने से पहले धर्मक्षेत्र कुरुक्षेत्र में भगवान श्रीकृष्ण ने पांचजन्य शंख बजाया था।
भगवान श्रीकृष्ण की पसंदीदा चीजों में शामिल शंख, बांसुरी और मोर के पंख को आप रंगोली का डिजाइन दे सकते हैं। यह रंगोली देखने में काफी खूबसूरत लग रहा है। आप इसको अपने घर के आंगन या फिर मेन गेट पर बनवा सकते हैं।
गीता जयंती के अवसर पर आप इस मोर के डिजाइन में रंगोली को बना सकते हैं। बांसुरी पर बना यह रंगोली देखने में काफी अच्छा लग रहा है।
गीता दिवस के मौके पर आप इस शंख वाले रंगोली को बना सकते हैं। इस रंगोली को बनाना काफी आसाना है। सिर्फ पांच रंगों से बने इस रंगोली को आप अपने घर पर आसानी से बना सकते हैं।
गीता जयंती के मौके पर आप श्री भागवत गीता के डिजाइन में रंगोली को बना सकते हैं। यह देखने में काफी यूनि लग रहा है।