हर किसी के जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं। कभी-कभी निराशा, तनाव और असफलताएं भी मिलती रहती हैं। हालांकि, इन सबके कारण आगे क्या करना है, यह समझ नहीं आता। ऐसे समय में मार्गदर्शन की जरूरत होती है, जो आगे का रास्ता दिखा सके।

अगर आप भी अपनी लाइफ में लगातार असफलताओं का सामना कर रहे हैं और यह समझ नहीं पा रहे हैं कि अब क्या किया जाए, तो चिंता करने की कोई बात नहीं है। ऐसे समय में भगवान श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए श्रीमद्भगवद्गीता के उपदेश आपके जीवन को नई दिशा देने में सहायक हो सकते हैं।

गीता जीवन को सफल बनाने की कला सिखाती है। ऐसे में हम आपके लिए गीता की 10 अनमोल बातें लेकर आए हैं, जो कठिन समय में आपको रास्ता दिखा सकती हैं।

गीता उपदेश इन हिंदी

गीता उपदेश 1- कर्म करो, फल की चिंता मत करो

कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन- श्रीकृष्ण कहते हैं कि हमें सिर्फ अपने कर्म पर ध्यान देना चाहिए, फल की अपेक्षा नहीं करनी चाहिए।

गीता उपदेश 2- मन ही दोस्त और शत्रु है। मन को नियंत्रित कर हम खुद को ऊंचा उठा सकते हैं।

गीता उपदेश 3- कृष्ण बताते हैं कि मोह, क्रोध, और लोभ आत्मा को बांधते हैं और यही दुख का कारण बनते हैं।

गीता उपदेश 4- सफलता और असफलता, सुख-दुख को समान भाव से देखने वाला ही सच्चा योगी होता है।
गीता उपदेश 5- अज्ञानता से मोह पैदा होता है, और ज्ञान से ही आत्मा की शुद्धि होती है।

गीता उपदेश 6- भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि लोभ न केवल चरित्र नष्ट करता है, बल्कि जीवन को भटका देता है। ऐसे में लोभ का त्याग ही सबसे उचित होता है।

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गीता उपदेश 7- भगवान कृष्ण कहते हैं कि जो सच्चे मन से मेरा स्मरण करता है, मैं सदा उसके साथ रहता हूं।

गीता उपदेश 8- जो भी करो, उसे भगवान को अर्पण करके करो, तभी वह सफल होगा। भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं कि हर कार्य में समर्पण जरूरी है।

गीता उपदेश 9- न जायते म्रियते वा कदाचित्- आत्मा न जन्म लेती है और न ही मरती है। इससे हमें यह सिखने को मिलता है कि हम एक अनश्वर ऊर्जा हैं।

गीता उपदेश 10- हर कठिन परिस्थिति अस्थायी होती है, धैर्य रखें और ईश्वर में विश्वास बनाए रखें।