Sugar Free Modak Recipe in Hindi: 19 सितंबर से शुरू हुए गणेशोत्सव का आज चौथा दिन है। गौरतलब है कि 10 दिनों तक चलने वाले इस त्योहार में पूरी श्रद्धा भाव से गणेश जी की पूजा-अर्चना की जाती है और 10वें दिन मूर्ति विसर्जन किया जाता है। माना जाता है कि गणेश चतुर्थी के दिन ही श्री गणेश का जन्म हुआ था। ऐसे में लोग किसी बच्चे की तरह ही गणपति बप्पा का खूब ध्यान रखते हैं। उनके लिए अलग-अलग तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं। वहीं, मोदक श्री गणेश का पसंदीदा भोग है। इसी कड़ी में हम आपको गणेश चतुर्थी के 10 दिन 10 अलग-अलग तरह के मोदक की रेसिपी बता रहे हैं।
पहले दिन के लिए हम आपके साथ ड्राई फ्रूट्स मोदक, दूसरे दिन के लिए चॉकलेट मोदक, तीसरे दिन के लिए चना दाल मोदन और चौथे दिन के लिए पान गुलकंद मोदक की आसान रेपिसी शेयर कर चुके हैं। अब, पांचवे दिन हम आपको शुगर फ्री खजूर मोदक की रेसिपी बता रहे हैं।
तैयार कर लें ये साम्रगी
- शुगर फ्री खजूर मोदक बनाने के लिए आपको 250 ग्राम खजूर
- 100 ग्राम काजू
- 100 ग्राम बादाम
- 100 ग्राम पिस्ता
- 200 ग्राम खसखस
- और 2 टी स्पून देसी घी की जरूरत होगी।
कैसे बनाएं खजूर मोदक?
- इसके लिए सबसे पहले खजूर को पानी की मदद से अच्छे से धोकर साफ कर लें।
- अब हल्के गर्म पानी में इन्हें करीब 10 मिनट के लिए डालकर ऐसे ही छोड़ दें।
- इसके बाद खजूर को पानी से निकालें और चाकू की मदद से काटकर गुठलियां अलग कर लें। बाकि खजूर के टुकड़ों को मिक्सर ग्राइंडर में डालकर ग्राइंड कर लें।
- तैयार पेस्ट को एक बाउल में निकालकर अलग रख लें।
- अब काजू, बादाम और पिस्ता लेकर उन्हें बारीक काट लें।
- इसके बाद एक कड़ाही में घी डालकर गर्म कर लें।
- घी गर्म होने पर इसमें खसखस डालकर गोल्डन ब्राउन होने तक भून लें।
- भुन जाने पर कड़ाही से खसखस को अलग निकाल लें और फिर कड़ाही में थोड़ा घी डालकर उसमें खजूर पेस्ट को डाल दें। 5-7 मिनट तक पेस्ट को चलाते हुए भूनें।
- ठीक ढंग से भुन जाने के बाद इसमें भुनी खसखस और बारीक कटे हुए ड्राई फ्रूट्स डालें और अच्छी तरह से मिक्स कर पकने दें।
- इस मिश्रण को तब तक पकाते रहना है जब तक कि खजूर का पेस्ट कड़ाही न छोड़ने लगे।
- अब इस मिश्रण को भी कड़ाही से बाहर निकाल लें और थोड़ी देर ठंडा होने के लिए रख दें।
- जब ये ठंडा हो जाए, तब इससे छोटी-छोटी लोई बनाकर मोदक की शेप में तैयार कर लें।
जैसा की साफ है ये मोदक शुगर फ्री हैं, ऐसे में बप्पा को भोग लगाने के बाद डायबिटीज के मरीज भी इन्हें प्रसाद के रूप में खा सकते हैं।
