अच्छे और आरामदेह जूते-चप्पल हर किसी को आकर्षित करते हैं। पर इन दिनों जूते, खासकर जूतियों का चलन युवाओं में काफी बढ़ा है। अब वे हर अवसर और हर पोशाक के साथ अलग रंग और डिजाइन के जूते-जूतियां पहनना पसंद करते हैं। जो जूतियां पहले पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश आदि के गांवों में लोग पहना करते थे, वह इन दिनों फैशन में है। जूतियों के नए फैशन के बारे में बता रही हैं अनुजा भट्ट। 

जूतियां भारत की देन हैं। जब पांव में पहनने के लिए किसी चीज की जरूरत महसूस हुई तो सबसे पहले खड़ाऊं और फिर जूतियां चलन में आर्इं। ये दोनों ही चीजें घर पर बनाई जाती थीं। अब भी महिलाएं घर पर जूतियां बनाती हैं। पर जब हम फैशन की बात करते हैं तो हर दौर में फैशन की अपनी एक चाल-ढाल होती है। बात सिर्फ पहनावे तक सिमटी नहीं रहती। हमारा ध्यान सबकी चाल पर भी जाता है। इसलिए बदलाव की गुंजाइश वहां भी उतनी ही होती है, जितनी आधुनिक डिजाइन पर। तो फैशन के कद्रदानो, आपको इस बार हाई हिल के जूते-सैंडल से तौबा करना होगा और अपनानी होंगी समतल सुंदर चप्पलें, जूते और जूतियां। कभी नवाबी शान का अक्स पेश करने वाली ये जूतियां अब सबके पांवों पर नजर जमाने के लिए बेकरार हो उठी हैं।

राजस्थान में पहनी जाने वाली मोजड़ियां और पंजाब की जूतियों पर अब विदेशी ब्रांड भी अपनी नजर गड़ाए हैं। जे कू्र नामक अमेरिकी मल्टी ब्रांडेड कंपनी से लेकर भारतीय कंपनियों में फिजी ग्लोबेट कंपनी, शिल्पा सूत्र और नीडलडस्ट ने भी सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है। हाल ही में आई फिल्म ‘लखनऊ सेंट्रल’ में डाइना पेंटी ने अपनी फिल्म के प्रचार-प्रसार के दौरान स्टाइलिश जूतियां पहन कर सबका ध्यान खींचा था। इस समय फिल्म अभिनेत्री आलिया भट्ट और अनुष्का शर्मा भी इस तरह की जूतियों की मुरीद हो गई हैं। ऐसे में युवाओं के लिए ऐसी जूतियों, जूतों और चप्पलों के प्रति दीवानगी होना आश्चर्य की बात नहीं, जिसमें हिल का नामोनिशान न हो और कारीगरी बेमिसाल हो।

अभी तक जूतियां भारतीय परंपरागत फैशन का हिस्सा थीं। पंजाब में जूतियों का चलन ज्यादा था और अब यह अंतरराष्ट्रीय बाजार का हिस्सा है। जे क्रू कंपनी का दावा है कि उसने सबसे आरामदायक समतल जूतियां पेश की हैं। उनकी जूतियों में चमड़े का इस्तेमाल है और डिजाइन में फूल-पत्तियों के अलावा सांप की केचुली और चटाई डिजाइन हैं। जूतियों के साथ बेल्ट का प्रयोग अनूठा है। काला-नीला-लाल रंग प्रमुख हैं। इसी तरह फिजी ग्लोबेट्स ने स्नीकर जूतियां पेश की हैं। मुंबई की इस कंपनी से जुड़ी डिजाइनर पायल सिंघल ने अपने डिजाइन के बारे में बहुत कलात्मक संदेश लिखा है। वह कहती हैं- ‘मेरी जूतियों के डिजाइन में एक कोयल अपना गीत गाते हुए दिखेगी। कोयल की कूक, नीला आसमान, रंग-बिरंगे फूल बहुत खूबसूरत अहसास देते हैं। इसलिए मैंने इन तीनों चीजों को अपने डिजाइन के लिए चुना है। यह डिजाइन खूबसूरत के साथ खास परंपरागत भी है।’

इसी कंपनी से जुड़ी लक्षिका गोविल अपने डिजाइन में वैल्वेट और सिल्क के साथ मोती और बीड्स का प्रयोग करती हैं। दिल्ली की डिजाइनर शिल्पा अग्रवाल की कंपनी शैलपुत्रा ने जरी कटदाना, बीड वर्क और सिल्क के कपड़े से बनी जूतियां पेश की हैं। उन्होंने शादी के मौके पर पहने जाने वाला अपना एक खास संग्रह भी पेश किया है, जिसमें उनके उत्पादों के नाम विक्टोरिया और सैंड्रिला जैसे पश्चिमी नाम हैं, तो रातकली, चमेली और सिंदूरी जैसे भारतीय नाम भी हैं। शिल्पा कहती हैं- ‘मैं सड़कों पर बिकने वाली इन जूतियों को दुनिया भर की फैशन गैलरी में ले जाने के प्रयास में हूं ताकि भारतीय शिल्प को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिले। तभी हम अपने शिल्पकारों को उनकी कला का उचित मूल्य दे पाएंगे।’

दिल्ली की ही आर्टिसन लेबल नीडलडस्ट ने भी कई डिजाइनों में जूतियां पेश की हैं। इनके खास डिजाइन में बीड्स और चेन का प्रयोग हो रहा है। फैशन डिजाइनर अर्पिता मेहता ने अपनी डिजाइनर ड्रेस के साथ जूतियों को भी अपने संग्रह में संकलित किया है, जो बहुत ही खूबसूरत हैं। इसमें उन्होंने शीशे का काम किया है, जिसमें मनकों को भी लगाया गया है। इसके साथ ही इसमें खूबसूरत चेन भी लगाई गई है। यह जूतियां पश्चिमी पहनावे के साथ बहुत सुंदर दिखती हैं, खासकर जींस और टीशर्ट के साथ।