महाराष्ट्र की राजनीति में कई दिनों से जारी हलचल के बीच गुरुवार को एक और ट्विस्ट आया, जब देवेंद्र फडणवीस ने सभी को चौंकाते हुए एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री घोषित कर दिया। ठाकरे परिवार के दाहिने हाथ कहे जाने वाले एकनाथ शिंदे ने बगावत कर दी थी और पार्टी के 39 विधायक उनके साथ आ गए थे, जिसके बाद उद्धव ठाकरे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। शिंदे ने भाजपा का समर्थन किया और इस तरह नई सरकार के गठन का रास्ता साफ हो गया। गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद के लिए एकनाथ शिंदे के नाम का ऐलान किया तो सभी दंग रह गए।

रिक्शा चालक से नेता बने शिंदे : एकनाथ शिंदे का परिवार मूल रूप से सतारा जिले का रहने वाला है और 70 के दशक में मुंबई से सटे ठाणे आ गया था। उस वक्त शिंदे की उम्र मात्र 10 साल थी। 80 के दशक में शिवसेना के साथ जुड़ने से पहले शिंदे ऑटो रिक्शा चलाते थे। इसके अलावा घर चलाने के लिए शराब कारखाने में भी नौकरी कर चुके हैं। राजनीति में दिलचस्पी के चलते शिंदे तत्कालीन ठाणे जिला सेना अध्यक्ष आनंद दीघे से करीब आते गए, बाद में शिवसेना को एक प्रमुख शक्ति बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

शिवसेना के सच्चे सिपाही माने जाते हैं एकनाथ शिंदे: दीघे ने एकनाथ शिंदे की सक्रियता और समर्पण को देखते हुए ठाणे नगर पालिका में सदन का नेता बना दिया। 2004 में, वह कोपरी-पछपाखडी सीट जीतकर पहली बार विधायक बने और फिर लगातार चार बार से चुनाव जीतते आ रहे हैं। एकनाथ शिंदे की गिनती हमेशा शिवसेना के सच्चे सिपाही के तौर पर होती रही है। शिंदे आंदोलनकारी, जुझारू शैली के और शिवसेना के प्रति गहरी वफादार व्यक्तियों में से एक थे। बाल ठाकरे की मृत्यु के बाद और उद्धव ठाकरे के हाथ में पार्टी की कमान आ जाने के बाद एकनाथ शिंदे और मजबूत हो गए।

मुख्यमंत्री की रेस में भी थे शामिल: शिवसेना से बाहर शिंदे का राजनीतिक प्रभाव तब दिखाई दिया, जब भाजपा से अलग होने के बाद उद्धव ठाकरे ने उन्हें महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष का नेता बनाया। 2019 में भाजपा को झटका देकर शिवसेना ने जब कांग्रेस और राकांपा के साथ मिलकर सरकार बनाई तो शिंदे के नाखुश होने की खूब चर्चा थी। वर्तमान में एकनाथ शिंदे कैबिनेट मंत्री हैं और उनकी गिनती उद्धव के करीबियों में होती है।

2019 में एक वक्त ऐसा था जब एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री की रेस में सबसे आगे माने जा रहे थे लेकिन शिवसेना की परम्परा को तोड़ते हुए ठाकरे परिवार से पहली बार उद्धव ठाकरे सत्ता की गद्दी पर सवार हो गए, और आदित्य ठाकरे को मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया।

करोड़ो के मालिक हैं शिंदे, दर्ज हैं डेढ़ दर्जन मुकदमे: 2019 चुनाव के वक्त चुनाव आयोग को दिए गए हलफनामे के अनुसार, एकनाथ शिंदे पर 18 मुकदमे दर्ज हैं। हालांकि किसी भी केस में अभी दोषी नहीं पाए गये हैं। एकनाथ शिंदे के पास लगभग दो करोड़ की चल संपत्ति और 9 करोड़ की अचल संपत्ति है। शिंदे के पास एक रिवॉल्वर और एक पिस्टल भी है।

एकनाथ शिंदे ने 11वीं तक पढ़ाई की है, लेकिन शिंदे ने अपने बेटे को पढ़ाया है। एकनाथ शिंदे का बेटा श्रीकान्त शिंदे आर्थोपैडिक डॉक्टर हैं। इतना ही नहीं, श्रीकांत ने लोकसभा चुनाव में भी जीत दर्ज कर चुके हैं।