Haircare during Periods: माहवारी महिलाओं के जीवन का एक अभिन्न हिस्सा होता है। 12 से 13 साल या उससे अधिक उम्र की युवतियों में पीरियड्स शुरू होता है जो कि 45 से 50 साल के होने पर खत्म हो जाता है। इसे मासिक धर्म भी कहा जाता है। 5 दिनों तक चलने वाले इस साइकिल के दौरान कई महिलाओं को पेट, कमर और पैर में अत्यधिक दर्द की शिकायत होती है। इन दिनों चेहरे पर पिंपल्स और मूड स्विंग्स होना भी आम बात है। केवल इतना ही नहीं, मासिक धर्म के समय लड़कियों और महिलाओं के बालों पर भी असर होता है। हालांकि, अलग-अलग महिलाओं के लिए माहवारी का अनुभव अलग हो सकता है, लेकिन बालों से संबंधित ये समस्याएं आमतौर पर इनमें से अधिकतर को परेशान करती हैं।
ज्यादा ऑयली हो जाते हैं बाल: पीरियड्स के दौरान हार्मोनल इम्बैलेंस की बात से तो सब परिचित हैं। इस समय शरीर में टेस्टोस्टीरोन की मात्रा अधिक होती है। इस अधिकता से सीबम का उत्पादन भी ज्यादा होता है। सीबम के अत्यधिक मात्रा में सीक्रीट होने से बाल तैलीय और चिपचिपे हो जाते हैं। ऐसे में ये सोचना कि शैम्पू से ये परेशानी दूर हो जाएगी, आम है। इसलिए कोशिश करें ड्राई शैम्पू का इस्तेमाल करें।
सेंसेटिव हो जाती है स्कैल्प: पीरियड्स के दौरान बात चाहे मूड स्विंग्स की हो या फिर चेहरे पर निकले दाने की, हार्मोन्स इन दिनों आए बदलाव के लिए जिम्मेदार होते हैं। ऐसे में इन बदलावों से आपके स्कैल्प्स भी अछूते नहीं रहते हैं। पीरियड्स शुरू होते ही शरीर में दर्द को बढ़ाने वाले हार्मोन्स निकलने शुरू हो जाते हैं। ये हार्मोन स्कैल्प को भी सेंसेटिव बनाते हैं। ऐसे में जरूरी है कि कंघी करते वक्त धैर्य का परिचय दें और अपने बालों के साथ नरमी बरतें।
टूटने लगते हैं बाल: कई युवतियों और महिलाओं में पीरियड्स के दौरान हेयरफॉल की अधिक समस्या भी देखने को मिल सकती है। जैसा कि ऊपर लिखा है इन दिनों शरीर में टेस्टोस्टीरोन की मात्रा ज्यादा हो जाती है। इसके प्रभाव से महिलाओं में ओइस्ट्रोजेन की स्तर में कमी आने लगती है। इस कमी के चलते बॉडी में आयरन लेवल भी घट जाता है। यही कारण है कि पीरियड्स के दौरान ज्यादा बाल टूटने शुरू हो जाते हैं।