रोशनी के त्योहार में अब बस कुछ ही दिन बाकी हैं। इस खास दिन पर लोग अपने घर को खूब सजाते हैं, तरह-तरह के पकवान बनाते हैं, रंगोली, झालर और रंग-बिरंगी लाइट्स से हर गली मोहल्ला जगमगाया रहता है। यही वजह है कि इस त्योहार का बड़ों के साथ-साथ बच्चों को भी बड़ी ही बेसब्री से इंतजार रहता है। हालांकि, दिवाली पर पटाखे जलाने का भी चलन है और तमाम तैयारियों के बीच हम इतने मग्न हो जाते हैं कि कई बार बच्चों की ओर उतना ध्यान नहीं दे पाते हैं, जो किसी बड़ी दुर्घटना को दावत दे सकता है। ऐसे में मस्ती और त्योहार के रंग के बीच खासकर बच्चों को लेकर कुछ सावधानियां बरतना भी जरूरी हो जाता है। इसी कड़ी में यहां हम आपको कुछ ऐसी टिप्स बता रहे हैं, जिन्हें ध्यान में रखकर आप मस्ती के साथ-साथ अपनी दिवाली को सेफ भी बना सकते हैं।
इन बातों का रखें ख्याल
मास्क है जरूरी
उत्तर भारत में इस समय हवा का स्तर बेहद खराब है। बढ़ता प्रदूषण लोगों को सीधे तौर पर नुकसान पहुंचा रहा है। खासकर दिवाली पर प्रदूषण अधिक बढ़ जाता है। ऐसे में अपने बच्चों को बिना मास्क घर से बाहर न जाने दें। आप उनकी ड्रेस से मैचिंग कपड़े का मास्क तैयार कर सकते हैं, इस तरह वे इसे पहनने से इंकार भी नहीं करेंगे।
कपड़ों का रखें ध्यान
अक्सर लाड-प्यार में हम त्योहार के समय बच्चों को भारी लहंगे, दुपट्टे वाले सूट, नेट की फ्रॉक जैसे कपड़े पहना देते हैं। इस बात में कोई दोराय नहीं है कि इस तरह की ड्रेस में बच्चे और अधिक क्यूट और प्यारे लगते हैं। हालांकि, दीपक और पटाखों के बीच ऐसे कपड़े आग पकड़ सकते हैं, जिससे बच्चों के जलने का खतरना बढ़ जाता है। ऐसे में कोशिश करें कि आप दिवाली पर बच्चों के लिए सादे कॉटन के कपड़ों को ही चुनें। साथ ही उन्हें ऐसे कपड़े पहनाएं, जिनसे उनका पूरा शरीर ढका रहे।
खानपान पर दें ध्यान
दिवाली पर मिठाइयां खूब खाई जाती हैं। घर-घर मेहमान अलग-अलग तरह की मिठाई लेकर पहुंचते हैं। हालांकि, इस समय पर अधिकतर दुकानदार ज्यादा मुनाफा कमाने के चक्कर में खासकर मिठाइयों में मिलावट करने लगते हैं। ऐसे में इस तरह की मिठाई का सेवन बच्चों के लिए हानिकारक साबित हो सकता है। इसलिए बच्चों को बाजार की मिठाई न खाने दें। इससे अलग आप उनके लिए घर पर ही शुद्ध चीजें बना सकते हैं।
अकेले न जलाने दें पटाखे
अगर बच्चा पटाखे जलाने की अधिक जिद कर रहा है, तो कोशिश करें कि आप बच्चों को साथ लेकर ही पटाखें जलाएं, साथ ही उनके साथ भी केवल छोटे पटाखे ही जलाएं, ताकि बच्चा सुरक्षित रहे और दिवाली सेलिब्रेशन सेफ्टी के साथ हो।
नवजात शिशु का इस तरह रखें ध्यान
अगर आपको बच्चा छोटा है या नवजात शिशु है, तो उसके कानों को पूरी तरह से ढंककर रखें। इसके लिए आप बड़े साइज के कॉटन बॉल्स या कॉटन के किसी कपड़े का इस्तेमाल कर सकते हैं। ये ट्रिक बच्चे के कानों को पटाखों की तेज आवाज से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करेगी। साथ ही नवजात शिशु को घर से बाहर भी कम ही निकालें।