Digvijay Diwas 2024 Date, Theme, History, Importance in Hindi: 11 सितंबर को हर साल दिग्विजय दिवस मनाया जाता है। ये दिन भारत के गौरवशाली इतिहास से जुड़ा रहा है और इस दिन को लोग बहुत गर्व के साथ मनाते हैं। इस दिन जगह-जगह स्वामी विवेकानंद की जीवन शैली पर बात की जाती है और उनके प्रतिष्ठित भाषण की स्मृतियों को याद किया जाता है। साथ ही युवाओं को उनके विचारों के प्रति जागरूक किया जाता है। इसके अलावा भी इस गौरवशाली दिन के साथ एक खास इतिहास जुड़ा हुआ है। आइए, जानते हैं क्या।
दिग्विजय दिवस कब और मनाया जाता है-Digvijay Diwas 2024 Date History Importance
1893 में शिकागो में विश्व धर्म संसद में स्वामी विवेकानन्द के प्रतिष्ठित भाषण की स्मृति में प्रतिवर्ष 11 सितंबर को दिग्विजय दिवस मनाया जाता है। स्वामी विवेकानन्द ने विश्व धर्म संसद में हिंदू धर्म और भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए सहिष्णुता और सार्वभौमिक स्वीकृति का एक शक्तिशाली संदेश दिया था।
यह उत्सव स्वामी विवेकानन्द की आध्यात्मिक विरासत और वैश्विक मंच पर भारतीय मूल्यों को बढ़ावा देने में उनकी भूमिका की याद दिलाता है। सार्वभौमिक भाईचारे और धार्मिक सद्भाव का उनका संदेश आज की दुनिया में विशेष महत्व रखता है, जहां धार्मिक संघर्ष और असहिष्णुता अभी भी महत्वपूर्ण चुनौतियां पैदा करती हैं। यह दिन स्वामी विवेकानन्द के एकता, सहिष्णुता और स्वीकृति के संदेश का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है।
दिग्विजय दिवस कैसे मनाया जाता है?
स्वामी विवेकानन्द की आध्यात्मिक विरासत को श्रद्धांजलि के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2010 में दिग्विजय दिवस की शुरुआत की गई थी। यह दिन पूरे भारत में मनाया जाता है, इस अवसर पर देशभर में विभिन्न कार्यक्रम और आयोजन किए जाते हैं।
याद किए जाते हैं ये Swami Vivekananda Quotes
-उठो, जागो और तब तक न रुको जब तक लक्ष्य ना प्राप्त हो जाए।
-यदि स्वयं में विश्वास करना और अधिक विस्तार से पढ़ाया और अभ्यास कराया गया होता, तो मुझे यकीन है कि बुराइयों और दुःख का एक बहुत बड़ा हिस्सा गायब हो गया होता।
-जब कोई विचार अनन्य रूप से मस्तिष्क पर अधिकार कर लेता है तब वह वास्तविक भौतिक या मानसिक अवस्था में परिवर्तित हो जाता है।
-जितना हम दूसरों के साथ अच्छा करते हैं उतना ही हमारा हृदय पवित्र हो जाता है और भगवान उसमें बसता है।
