Govardhan Puja, Bhai Dooj 2024 Date: दिवाली 5 दिन का त्योहार है। इस त्योहार की शुरुआत धनतेरस से होती है। पहले दिन धनतेरस, दूसरे दिन छोटी दिवाली या नरक चतुर्दशी, तीसरे दिन दिवाली, चौथे दिन गोवर्धन पूजा और पांचवें दिन भाई दूज को सेलिब्रेट किया जाता है। इस साल धनतेरस का त्योहार मंगलवार 29 अक्टूबर को, इसके बाद नरक चतुर्दशी 30 अक्टूबर को जबकि दिवाली का त्योहार 31 अक्टूबर और 1 नवंबर को मनाया गया।
जैसा कि ऊपर जिक्र गया है, दिवाली के बाद गोवर्रधन और भाई दूज (भैया दूज) का पर्व मनाया जाता है। हालांकि, इस साल दिवाली की तारीख दो अलग-अलग दिन पड़ने पर अधिकतर लोग गोवर्धन पूजा और भाई दूज की तारीख को लेकर कंफ्यूज हैं। ऐसे में आइए जानते हैं ये त्योहार किस तारीख को मनाए जाएंगे, साथ ही इन्हें मनाने का शुभ मुहूर्त क्या है-
भाई दूज के मौके पर बहनें अपने भाइयों को गोला यानी सूखा नारियल भेंट करती हैं लेकिन क्या आप इसके पीछे की वजह जानते हैं?
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बता दें कि गोवर्धन पूजा पर श्री कृष्ण की पूजा-अर्चना कर उन्हें 56 भोग लगाया जाता है। ऐसे में यहां क्लिक कर पढ़ें- 56 भोग में कौन-कौन सी चीजों को थाली में शामिल करते हैं
भाई दूज पर बहनें शुभ मुहूर्त देखकर अपने भाइयों को तिलक लगाती हैं। मान्यताओं के अनुसार, शुभ मुहूर्त में तिलक करने से भाइयों की उम्र लंबी होती है साथ ही उनके जीवन में खुशहाली आती है। ऐसे में यहां क्लिक कर पढ़ें- भाई दूज 2024 शुभ मुहूर्त (Bhai Dooj 2024 Shubh Muhurat)
दिवाली की तिथि दो दिन होने की वजह से लोग भाई दूज की तारीख को लेकर भी कंफ्यूज हैं। ऐसे में बता दें कि हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को भाई दूज मनाई जाती है।
इस साल इस तिथि की शुरुआत 2 नवंबर 2024 को रात 8 बजकर 22 मिनट पर होगी और इस तिथि का समापन 3 नवंबर 2024 को रात 11 बजकर 6 मिनट पर होगा। ऐसे में 3 नवंबर 2024 को भाई दूज का त्योहार मनाया जाएगा।
बता दें कि गोवर्धन पूजा शुभ मुहूर्त देखकर की जाती है। मान्यता है कि इस दिन विधिपूर्वक पूजा करने से भगवान का आशीर्वाद मिलता है।
ऐसे में यहां क्लिक कर पढ़ें- गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?
पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को गोवर्धन पूजा की जाती है। इसके साथ ही गोवर्धन पूजा हर साल दिवाली के अगले दिन मनाने का भी विधान है। लेकिन इस साल दिवाली की तिथि दो दिन होने की वजह से गोवर्धन पूजा की सही तिथि को लेकर लोग कंफ्यूज हैं।
ऐसे में बता दें कि इस साल गोवर्धन पूजा का पर्व 2 नवंबर को मनाया जा रहा है। पंचांग के अनुसार, कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 1 नवंबर की शाम 6 बजकर 16 मिनट पर शुरू हुई और यह 2 नवंबर की रात 8 बजकर 21 मिनट पर खत्म होगी। इस तरह से गोवर्धन पूजा का सही दिन 2 नवंबर ही माना गया है।
भगवान श्रीकृष्ण को खाने में माखन-मिश्री, दही, और दूध बहुत पसंद हैं। उनकी बाल लीलाओं में माखन चोरी की कई कथाएं प्रसिद्ध हैं। बचपन से ही श्रीकृष्ण गोपियों का माखन चुराया करते थे, जिसके कारण उन्हें माखन चोर भी कहा जाता है। गोवर्धन पूजा पर उन्हें 56 भोग भी लगाया जाता है, जिसमें मिठाई, फल, अनाज और अन्य पकवान शामिल होते हैं।
Govardhan Puja 2024
हिंदुओं का प्रमुख त्योहारों में शामिल गोवर्धन पूजा को हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को सेलिब्रेट किया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी छोटी उंगली पर गोवर्धन पर्वत को उठाया था और ब्रजवासियों और उनकी गायों को इंद्र देव के प्रकोप से बचाया था।
Govardhan Puja 2024
गोवर्धन पूजा के लिए सबसे पहले घर के आंगन या मुख्य दरवाजे के पास गोबर से लीप कर गोवर्धन भगवान की आकृति बनाएं। इसके साथ ही गाय और बैल की छोटी-छोटी आकृतियां भी बनाएं। फिर पूजा में रोली, चावल, बताशे, पान, खीर, जल, दूध, फूल आदि अर्पित करें। उसके बाद दीपक जलाएं। पूजा के दौरान गोवर्धन भगवान की परिक्रमा करें। उसके बाद आरती करें और आखिरी में भोग लगाकर प्रसाद को सभी में बांटें।
गोवर्धन पूजा को अन्नकूट के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण को तरह-तरह के अन्न और सब्जियों से बने पकवान का भोग लगाया जाता है। इस भोग में चावल, खीर, पूड़ी, सब्जियाँ, कढ़ी और अन्य व्यंजन शामिल होते हैं। इनसे एक तरह का ‘अन्न का पहाड़’ बनाकर भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित किया जाता है। इसके बाद इस भोग को प्रसाद के रूप में सबको बांटा जाता है।
गोवर्धन पूजा 2 नवंबर को मनाई जाएगी। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त दोपहर 3 बजकर 23 मिनट से शाम 5 बजकर 35 मिनट तक है। इस समय पूजा करना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन विधिपूर्वक पूजा करने से भगवान का आशीर्वाद मिलता है।
Govardhan Puja 2024 Shubh Muhurt
Govardhan Puja 2024 Date: इस साल गोवर्धन पूजा 2 नवंबर को मनाई जाएगी। कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 1 नवंबर की शाम 6 बजकर 16 मिनट पर शुरू हो रही है और यह 2 नवंबर की रात 8 बजकर 21 मिनट पर खत्म होगी। इस तरह से गोवर्धन पूजा का सही दिन 2 नवंबर ही माना गया है।
माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजन विधि और मुहूर्त
हिंदू धर्म में दिवाली का विशेष महत्व होता है और यह हिंदूओं का प्रमुख त्योहारों में से एक है। यहां पढ़ें पूरी जानकारी
लक्ष्मी पूजा का सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त:
प्रदोष काल, वृषभ लग्न और चौघड़िया के हिसाब से लक्ष्मी पूजन के लिए सबसे सर्वश्रेष्ठ मुहूर्त 31 अक्टूबर की शाम को 06:25 से लेकर 7:13 के बीच का समय का है। कुल मिलाकर 48 मिनट का यह मुहूर्त सर्वश्रेष्ठ रहेगा। यहां पढ़ें पूरी खबर
हर वर्ष दीवाली का त्योहार कार्तिक अमावस्या तिथि को धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। वहीं, घरों में दीप जलाए जाते हैं।
दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजन का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन माता लक्ष्मी धरती पर आती हैं और अपने भक्तों को धन-धान्य से आशीर्वाद देती हैं। लक्ष्मी पूजा के माध्यम से लोग समृद्धि और सुख-शांति की कामना करते हैं।
दीपावली पूजा शुरू करने के लिए सबसे पहले पूजा स्थल की सफाई करें और उसे सजाएं। गणेश जी और मां लक्ष्मी की मूर्तियां स्थापित करें। दीप जलाने के बाद तिलक, फूल, धूप, और मिठाई अर्पित करें। गणेश जी की पूजा के बाद मां लक्ष्मी की पूजा करें और आरती करें।
इस साल कार्तिक मास अमावस्या तिथि की शुरुआत 31 अक्टूबर 2024 को 3 बजकर 52 मिनट पर होगी और इस तिथि का समापन 1 नवंबर 2024 को 6 बजकर 16 मिनट पर होगा। ऐसे में लक्ष्मी पूजन 31 अक्टूबर को ही किया जाएगा।
अगर आप दिवाली पर लक्ष्मी पूजा का सही समय जानना चाहते हैं, तो यहां क्लिक कर पढ़ें- पंचांग के अनुसार
दीपावली पर लक्ष्मी पूजन का सबसे सही शुभ मुहूर्त क्या है?बता दें कि इस साल अमावस्या तिथि दो दिन होने के कारण दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजा की तिथि को लेकर अधिकतर लोग असमंजस में हैं। कई लोगों का मानना है कि दिवाली का पर्व 31 अक्टूबर को है तो कई 1 नवंबर को दिवाली की तिथि बता रहे हैं।
हालांकि, हिंदू पंचांग के अनुसार, अमावस्या तिथि का समापन 1 नवंबर को 6 बजकर 16 मिनट पर होगा। ऐसे में इस साल दीपावली 31 अक्टूबर को ही मनाई जाएगी।
हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को दिवाली मनाई जाती है। वहीं, इस साल ये खास तिथि आज के दिन पड़ रही है। ऐसे में देशभर में आज यानी गुरुवार 31 अक्टूबर (Diwali 2024 Date) को दिवाली का त्योहार मनाया जा रहा है।
दिवाली पर दीपक जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है और मां लक्ष्मी और भगवान गणेश का आशीर्वाद मिलता है।
पहला दिनः धनतेरस
दूसरा दिन: नरक चतुर्दशी (छोटी दिवाली)
तीसरा दिनः दीपावली (Diwali)
चौथा दिन: गोवर्धन पूजा (Govardhan Puja)
पांचवां दिन: भाई दूज (Bhai Dooj)
History and Significance of Diwali?
दीपों के पर्व दिवाली को ज्ञानता और नकारात्मकता के अंधकार को दूर करने के पर्व के रूप में मनाया जाता है। यह आंतरिक शुद्धि का भी प्रतीक है, जो आत्मा की पवित्रता को दिखाता है। इस दिन माता लक्ष्मी की पूजा भौतिक धन के साथ-साथ समृद्धि और आंतरिक शांति के लिए की जाती है।
दिवाली के मौके पर लोग नई मूर्ति को पूजा करते हैं। ऐसे में पुरानी मूर्तियों को सम्मान पूर्वक किसी स्थान पर रख देना चाहिए या फिर पुरानी मूर्ति को नदी या तालाब में विसर्जित कर सकते हैं।
छोटी दिवाली को भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस को मारा था। इसलिए इसे नरक चतुर्दशी भी कहा जाता है।
दिवाली के मौके पर आप गुजिया, नमक पारे, शंकरपाली, बेसन के लड्डू, मोती चूर के लड्डू आप बना सकते हैं।
छोटी दिवाली पर आप इस बार दीया जलाने का शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 49 मिनट से लेकर 7 बजकर 43 मिनट तक है।
साल 2024 में धनतेरस,दीपावली और भाई दूज कब है, आइए जानते हैं सही तारीख।