यूरिक एसिड बॉडी में बनने वाले टॉक्सिन है। यूरिक एसिड तब बनता है जब प्यूरीन नामक रसायन टूट जाता है। प्यूरिन शरीर में पाया जाने वाला एक नेचुरल पदार्थ है। कुछ फूड्स जैसे लिवर, शंख और शराब का सेवन करने से बॉडी में प्यूरीन की मात्रा बढ़ने लगती है। बॉडी में प्यूरीन का स्तर हाई होने से बॉडी में यूरिक एसिड का स्तर बढ़ने लगता है। लम्बे समय तक ब्लड में यूरिक एसिड का स्तर हाई होने से हाथ-पैरों के जोड़ों में ये टॉक्सिन क्रिस्टल के रूप में जमा होने लगते हैं। जिन लोगों का यूरिक एसिड हाई रहता है वो प्यूरीन युक्त खाद्य पदार्थों का सीमित करें। कुछ फूड्स से परहेज करके और कुछ फूड्स का सेवन करके बहुत आराम से यूरिक एसिड के स्तर को कंट्रोल किया जा सकता है।

यूरिक एसिड के मरीजों के लिए गर्मी में इन तीन रसीले फलों का सेवन बेहद असरदार साबित होता है। कुछ फलों का सेवन किडनी से यूरिक एसिड को बॉडी से बाहर करने में बेहद मददगार साबित होती है। कुछ फल यूरिक एसिड के मरीजों के लिए इतने असरदार साबित होते हैं कि उनकी मदद से किडनी बॉडी में बनने वाले यूरिक एसिड के क्रिस्टल को आसानी से बॉडी से बाहर निकाल देती है। आइए जानते हैं कि हाई यूरिक एसिड की समस्या को नैचुरल फूड्स की मदद से आसानी से कैसे मैनेज किया जा सकता है।

चेरी खाएं यूरिक एसिड आसानी से कंट्रोल रहेगा:

चेरी एक ऐसा खूबूसरत फल है जिसे देखकर ही खाने की चाह पैदा होने लगती है। हेल्थलाइन की खबर के मुताबिक ये फल औषधीय गुणों से भरपूर होता है। चेरी में एंथोसायनिन नामक एक प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी घटक होता है, जो यूरिक एसिड के स्तर को कम करता है। रोजाना इस रसीले फल का सेवन करके आसानी से यूरिक एसिड के स्तर को कंट्रोल किया जा सकता है।

जर्नल आर्थराइटिस एंड रेमोटोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि जिन लोगों ने चेरी नहीं खाई उनकी तुलना में चेरी खाने वाले लोगों में गाउट के हमले का जोखिम कम था। चेरी का सेवन सूजन को कम करने में मदद करता है। इसका सेवन करने से यूरिक एसिड के क्रिस्टल जोड़ों में जमा नहीं होते और जो गाउट का मुख्य कारण है।

संतरा और नींबू जैसे खट्टे फल खाएं:

संतरे और नींबू जैसे खट्टे फल विटामिन सी और साइट्रिक एसिड का एक समृद्ध स्रोत हैं। इन फलो को डाइट में शामिल करने से बॉडी में यूरिक एसिड का स्तर कंट्रोल करने में मदद मिलती है। नींबू और संतरा ऐसे रसीले फल हैं जो यूरिक एसिड के स्तर को आसानी से बॉडी से बाहर निकाल देते हैं।