Cheteshwar Pujara Interview: टीम इंडिया के चमकते सितारे चेतेश्वर पुजारा जब क्रिकेट नहीं खेल रहे होते हैं और घर पर होते हैं तब वह पूरी तरह घरेेेलू व्यक्ति होते हैं। वह थोड़ा बहुत पूूूूूूूूजा-पाठ भी करते हैं। उन्हें इससे शांति मिलती है। पुजारा ने जनवरी, 2019 में इंडियन एक्सप्रेस अड्डा में बताया था कि कैसे पूजा-पाठ के प्रति उनका झुकाव बढ़ाया गया था। पुजारा ने बताया था कि बचपन में जब वह वीडियो गेम खेेलते थे तो मां खेलने नहीं देती थीं। वह कहती थीं कि थोड़ी प्रार्थना कर लो, फिर वीडियो गेम खेलने को मिलेगा। इस तरह मां ने उन्हें अध्यात्म की ओर मोड़ा। पुजारा ने बताया कि उनकी मां ने ही अध्यात्म से परिचय कराया और अच्छा इंसान बनने की सीख दी। आइए जानते हैं उनकी लाइफ से जुड़ी अन्य जानकारी-
शाकाहारी होने पर: चेतेश्वर पुजारा ने इंटरव्यू के दौरान बताया “टीम में बहुत से खिलाड़ी ऐसे हैं जो शाकाहारी हैं। क्रिकेटरों ने डाइट के महत्व को समझा है। एक सख्त आहार है जिसका सभी भारतीय खिलाड़ी अनुसरण कर रहे हैं जो हमारी फिटनेस में मदद करता है। मांसाहारी भी स्वस्थ है, लेकिन आपको उस दौरान कैलोरी बर्न करने में अधिक मेहनत करनी पड़ेगी।”
सोशल नेटवर्क पर: “मेरे लिए ध्यान केंद्रित रहना महत्वपूर्ण है। जब आप एक महत्वपूर्ण श्रृंखला खेल रहे होते हैं, तो दूसरों के द्वारा गाली-गलौज और टिप्पणियों से बचना सबसे अच्छा होता है। मैं अखबार पढ़ने से भी बचता हूं।”
डोमेस्टिक क्रिकेट पर: डोमेस्टिक क्रिकेट खेलना महत्वपूर्ण है क्योंकि मैंने वहां से सब कुछ सीखा है। लेकिन यह खिलाड़ियों पर निर्भर होना चाहिए कि वे अपना कार्यभार दें। डोमेस्टिक क्रिकेट बहुत महत्वपूर्ण है और इस पर बहुत ध्यान देना चाहिए। बहुत से युवा रणजी नहीं खेलना चाहते हैं लेकिन अगर आप भारत के लिए खेलना चाहते हैं, तो आपको रणजी ट्रॉफी में खेलने की जरूरत है।
पुजारा एक व्यक्ति के रूप में: “वह शांत हैं, लेकिन जब वह लौटते हैं, तो हर कोई इस बात पर अलर्ट रहता है कि वह यहां हैं और हमें स्वच्छता बनाए रखना है। जब वह घर पर होते हैं, तो वह घर भर में होते हैं। वह बस बैठते हैं और आराम करते हैं।”