Chandra Grahan (Lunar Eclipse) 2021 November How To See: सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण हमेशा वैज्ञानिक और धार्मिक दृष्टिकोणों से एक मुख्य घटना माने जाते हैं। वैज्ञानिक नजरिए से जहां ग्रहण को खगोलीय घटना के रूप में माना जाता है, तो वहीं धार्मिक दृष्टि से ग्रहण का संदर्भ पौराणिक घटनाओं से जुड़ा हुआ है। 19 नवंबर 2021 शुक्रवार को साल का आखिरी चंद्र ग्रहण लग रहा है। सबसे अहम बात यह है कि इस दिन, कार्तिक पूर्णिमा भी है। जिसके कारण यह चंद्र ग्रहण अधिक विशिष्ट हो जाता है। इस दिन भारत में पूर्ण चंद्र ग्रहण नहीं है, बल्कि उपच्छाया चंद्र ग्रहण लगने वाला है।
ग्रहण को धार्मिक दृष्टिकोण से अशुभ माना जाता है। हिंदू धर्म में ग्रहण और उसके सूतक काल में बहुत सारे कामों को वर्जित माना गया है लेकिन उपच्छाया चंद्र ग्रहण का कोई धार्मिक प्रभाव नहीं माना जाता है। इसलिए इस दौरान किसी भी तरह के कार्यों से कोई परहेज नहीं होगा। चंद्र ग्रहण की शुरुआत भारतीय समय के अनुसार सुबह 11 बजकर 34 मिनट से होगी और इसकी समाप्ति शाम 5 बजकर 33 मिनट पर होगी। खण्डग्रास (आंशिक) ग्रहण की कुल अवधि 03 घण्टे 26 मिनट की होगी। उपच्छाया चंद्र ग्रहण की कुल अवधि 05 घण्टे 59 मिनट की होगी। भारत में आंशिक नहीं उपच्छाया चंद्र ग्रहण दिखाई देगा। उपच्छाया चंद्र ग्रहण को खुली आंखों से नहीं देखा जा सकता है इसे देखने के लिए विशेष तरह के उपकरणों की जरूरत पड़ती है।
कब और कैसे देखें ग्रहण: 19 नवंबर को चंद्र ग्रहण सुबह से प्रारंभ होकर शाम तक दिखाई देगा। उस दिन आप सुबह 11 बजकर 34 मिनट से शाम 5 बजकर 33 मिनट के मध्य देख सकते हैं। लेकिन यदि आपके पास टेलिस्कोप है तो इस दिलचस्प घटना को और रोचक और यादगार बना सकते हैं। इसके आलावा आप इसे सोलर फिल्टर वाले चश्मों के माध्यम से भी देख सकते हैं।
कहाँ देख सकते हैं ग्रहण: भारत में लगने वाला यह चंद्रग्रहण उपच्छाया है इसलिए यह भी हो सकता है कि यह ग्रहण आपको सही से दिखाई न दे। ऐसे में यदि आपको यह देखना है तो आप सोशल मिडिया प्लेटफॉर्म का सहारा ले सकते हैं। कुछ वेबसाइट ग्रहण के सुंदर और अद्भुत तस्वीरों को शेयर करते हैं। इसके आलावा कुछ वेबसाइटों पर ग्रहण का लाइव प्रसारण भी होता है।
ग्रहण के दौरान क्या न करें: ग्रहण के काल में कुछ भी खाना- पीना या बनाना नहीं चाहिए। पहले से बने भोजन में तुलसी का पत्ता डाल कर, ढक कर रखना चाहिए। इस काल में खाना- पीना और खाना बनाना भी शुभ नहीं माना जाता है। इसके साथ ही ग्रहण के दौरान पेड़-पौधों को तोड़ना या छूना मना किया जाता है। इसलिए तुलसी के पत्ते ग्रहण शुरू होने से पहले तोड़ लेने चाहिए।