पाइल्स एक ऐसी परेशानी है जो खराब डाइट और बिगड़ते लाइफस्टाइल की वजह से पनपती है। बवासीर की बीमारी से पूरी दुनिया में करोड़ों लोग परेशान हैं। देश और दुनिया में पाइल्स के मरीजों की तादाद में इज़ाफा हो रहा है। इस बीमारी का सबसे बड़ा कारण कब्ज है। कब्ज की वजह से ही गुदा से संबंधित बीमारियां जैसे पाइल्प, फिशर और फिस्टुला पनपता है। पाइल्स एक ऐसी बीमारी है जिसमें गुदा द्वार की नसे सूजने लगती है।
बवासीर की वजह से एनस के अंदरूनी या फिर बाहर के हिस्से में मस्से बन जाते हैं जिनसे कई बार खून तक निकलने लगता है। कई बार स्टूल पास करने में ये मस्से बाहर आने लगते हैं। इन मस्सों के साथ खून आना भी बवासीर के लक्षण हैं। इस बीमारी के पनपने की सबसे बड़ी वजह खराब डाइट है। डाइट में फ्राई और प्रोसेस फूड, मसालेदार खाना, एल्कोहल, डेयरी प्रोडक्ट, रिफाइंड ग्रेन और ज्यादा नमक का सेवन करने से बवासीर की बीमारी पनपने लगती है।
बवासीर दो प्रकार की होती है। आंतरिक बवासीर जो मलाशय में विकसित होती है। बाहरी बवासीर गुदा के आसपास, त्वचा के नीचे होती हैं। बाहरी और आंतरिक दोनों बवासीर थ्रोम्बोस्ड बवासीर (thrombosed hemorrhoids) बन सकते हैं। इसका मतलब है कि नस के अंदर खून का थक्का बन जाता है।
थ्रोम्बोस्ड बवासीर खतरनाक नहीं हैं, लेकिन वे गंभीर दर्द और सूजन पैदा कर सकती हैं। यदि यह बहुत अधिक रक्त से भर जाता है, तो बवासीर फट सकता है। बवासीर के फटने से कुछ समय तक ब्लीडिंग होती है। आइए जानते हैं कि थ्रोम्बोस्ड बवासीर के कौन-कौन से लक्षण हैं और डॉक्टर को कब दिखाना जरूरी है।
थ्रोम्बोस्ड बवासीर के लक्षण हैं:
- सूजन
- गुदा(एनस) के पास एक गांठ
- सूजन
- गुदा के पास गंभीर दर्द होना।
थ्रोम्बोस्ड बवासीर का कैसे पता लगाएं:
एक थ्रोम्बोस्ड हेमोर्रोइड एनस से बाहर निकलने वाले गहरे नीले रंग की गांठ जैसा दिखता है। सूजी हुई ब्लड वेसल्स के अंदर ब्लड क्लॉट्स के कारण यह दिखाई देता है।
क्या ये बवासीर अपने आप ठीक हो सकती है:
बवासीर के लक्षण कम है तो खान-पान में बदलाव करके इस बीमारी का उपचार किया जा सकता है। लक्षण गंभीर होने पर आमतौर पर मेडिसिनल ट्रीटमेंट की आवश्यकता होती है।