चेहरा सूजना या चेहरे पर पफीनेस दिखना आम समस्या है। स्किन पर कुछ भी परेशानी हुई कि पफीनेस दिखने लगती है। जब चेहरे पर कीड़े-मकोड़े काट लेते हैं, किसी तरह का इंफेक्शन होता है, किसी चीज से एलर्जी हो जाती है या ज्यादा रौशनी लगती है, तो इस स्थिति में चेहरा सूज जाता है। इन सबके कारण चेहरे पर स्किन के नीचे बहुत ज्यादा फ्लूड जमा होने लगता है। पफी चेहरे को ठीक करने के लिए लोग अक्सर आइस का इस्तेमाल करते हैं। इसे आइस फेशियल भी कहते हैं लेकिन क्या आइस फेशियल उतना प्रभावी है जितना इसे प्रचारित किया जाता है। एक्सपर्ट की मानें तो यह उतना चमत्कारी नहीं है जितना कि सोशल मीडिया पर दिखाया जाता है। इसके बावजूज फेस आइसिंग के अपने फायदे हैं। आइए जानते हैं फेस आइसिंग के क्या फायदे हैं।
डर्मेटोलॉजिस्ट डॉ गुरवीन वारैच ने सोशल मीडिया पर बताया है कि फेस आइसिंग के कुछ फायदे जरूर है लेकिन इसके लिए थोड़ी सतर्कत बरतनी भी जरूरी है। इससे पहले यह जानना जरूरी है कि फेस आइसिंग कैसे की जाती है। डॉ गुरवीन ने बताया कि फेस आइसिंग करते समय इन बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
फेस आइसिंग से फेस पर लिंफ के पोर खुल जाते हैं जिसके कारण पफीनेस खत्म हो जाती है खासकर आंखों के पास तो यह दूर हो ही जाती है। फेस आइसिंग से चेहरे का रोमछिद्र सिकुड़ने लगते हैं, इसे वेसोकंसट्रिक्शन कहते हैं। इसमें ब्लड वैसल्स में संकुचन होने लगता है। आइसिंग के तुरंत बाद रोमछिद्र छोटे दिखने लगते हैं। इसका तुरंत लेकिन तात्कालिक असर होता है। मेकअप से पहले भी आइसिंग करना सही रहेगा। फेस आइसिंग से चेहरे पर अगर सूजन है तो वह भी गायब हो जाती है। सूजन को खत्म करने के लिए यह सबसे सस्ती टेक्निक है।
यह सतर्कता भी जरूरी
- आइस को सीधे चेहरे पर कभी न लगाएं। इसे मुलायम कपड़े में बांध लें या कॉटन में ढक लें।
- चेहरे पर आइस को घुमाते रहें। एक जगह स्थिर न करें।
- जब चेहरे पर आइसिंग करें तो एक जगह पर आइस को 5 सेकेंड से ज्यादा न रखें।
- फेस आइसिंग के लिए सुबह का समय सबसे बेहतर रहता है।
- चेहरे पर एक जगह 5 सेकेंड रखें फिर 3 सेकेंड फिर चेहरे से आइस को हटा लें फिर 5 मिनट चेहरे पर लगाएं। इस तरह 8 से 10 साइकिल से ज्यादा न करें।