मोटापा एक तरह की बीमारी होती जा रही है। इस दौर में यह बहुत तेजी से लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है। इसके साथ ही लोगों में यह शंका रहती है कि मोटापे के चलते उन्हें डायबिटीज भी अपना शिकार बना लेगी। हालांकि इस बारे में कई मत है। इसी पर एक्सपर्ट ने अपनी राय रखी है। जिसमें बताया गया है कि क्या मोटापा बढ़ने से डायबिटीज टाइप 2 हो सकता है या नहीं। इसी पर बीते दिनों एक अध्ययन सामने आया था।
एक अध्ययन के अनुसार, मोटापे का शिकार हुए शख्स में सामान्य वजन वाले व्यक्ति की तुलना में टाइप 2 डायबिटीज होने की संभावना लगभग छह गुना अधिक होती है। अधिक वजन के लोगों में उनके डेली रूटीन और आनुवांशिक तौर पर इस बीमारी के होने का खतरा अधिक रहता है। यूरोपियन एसोसिएशन फॉर द स्टडी ऑफ डायबिटीज की सालाना बैठक में पेश किए गए अध्ययन के आंकड़ों के अनुसार, शोधकर्ताओं ने एक स्वस्थ जीवन शैली के कारणों को परिभाषित किया है। इसमें सामने आया कि एक एक व्यक्ति तभी स्वस्थ्य रह सकता है जब वह स्मोकिंग न के बराबर, शराब का कम सेवन, डेली एक्सरसाइज और एक हेल्दी डाइट लेता हो।
डेनमार्क के कोपेनहेगन विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर बेसिक मेटाबोलिक रिसर्च में हरमिना जाकुकोविच के नेतृत्व में शोध टीम ने पाया कि टाइप 2 डायबिटीज के जोखिमों पर मोटापे का प्रभाव अन्य की तुलना में कैसे ज्यादा है। साथ ही इसमें टाइप 2 मधुमेह की रोकथाम के तरीकों पर भी चर्चा हुई। आनुवांशिक जोखिम का आकलन एक स्कोर द्वारा किया गया। जिसमें टाइप 2 मधुमेह से जुड़े 213 आनुवंशिक शिकार लोग शामिल थे। शोधकर्ताओं ने शोध में शामिल लोगों को जेनेटिक रिस्क स्कोर (सबसे कम 25 प्रतिशत, मध्यम 50 प्रतिशत और शीर्ष 25 प्रतिशत) के लेवल से बांटा।

