Buddha Purnima 2025: Date, history, significance: पूरे देश में हर साल वैशाख महीने की पूर्णिमा तिथि को बुद्ध पूर्णिमा मनाया जाता है। बौद्ध धर्म को मानने वाले लोगों के लिए यह त्योहार काफी महत्वपूर्ण होता है। मान्यता है कि इसी दिन भगवान बुद्ध को बोधगया में ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। वहीं, इस साल बुद्ध पूर्णिमा कल, यानी 12 मई 2025 को मनाई जाएगी।

कब हुआ था भगवान गौतम बुद्ध का जन्म?

बुद्ध पूर्णिमा भगवान गौतम बुद्ध के जीवन की तीन प्रमुख घटनाओं- जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण (अंतिम निर्वाण) से जुड़ा हुआ है। बुद्ध पूर्णिमा को वैशाख पूर्णिमा यानी बुद्ध जयंती के नाम से भी जाना जाता है। उनका जन्म आज से 563 ईसा पूर्व लुंबिनी में हुआ था। उनका असली नाम सिद्धार्थ गौतम था और वह शाक्य कुल के राजकुमार थे। हालांकि, बाद में वह गौतम बुद्ध बने।

क्या है बुद्ध पूर्णिमा का इतिहास?

बुद्ध पूर्णिमा का इतिहास करीब-करीब ढाई हजार साल पुराना है। इसी दिन भगवान गौतम बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व लुंबिनी में हुआ था। उनका असली नाम सिद्धार्थ गौतम था और वह शाक्य कुल के राजकुमार थे। हालांकि, बाद में उन्होंने संसार के दुखों को देखकर राजपाठ छोड़ दिया और सत्य की खोज में निकल पड़े। वहीं, कई वर्षों की तपस्या और ध्यान के बाद उन्हें बिहार के बोधगया में एक पीपल के पेड़ के नीचे ज्ञान की प्राप्ति हुई और वे बुद्ध कहलाए।

आज भी प्रासंगिक हैं उनके विचार

पूरी दुनिया में हिंसा और इस तनाव के दौर में भगवान बुद्ध के विचार आज भी प्रासंगिक हैं। बुद्ध पूर्णिमा के दिन उनके अनुयायी मंदिरों में दीप जलाते हैं और धर्मग्रंथों का पाठ करते हैं। यह दिन आत्मचिंतन, अहिंसा और करुणा की भावना को जागृत करने का अवसर है।