Breastfeeding Tips: स्तनपान का दौर हर मां के जीवन का एक अहम हिस्सा होता है। नवजात बच्चे की सेहत के लिए मां का दूध सबसे बेहतर औषधि है।इसमें शिशु की सेहत के लिए आवश्यक कई तरह के पोषक तत्व मौजूद होते हैं। शिशु के बहुमुखी विकास के लिए आवश्यक स्तनपान के कई सारे लाभ हैं। यह मां के लिए भी उतना ही फायदेमंद है जितना कि बच्चे के लिए। एक शोध में यह भी बताया गया है कि स्तनपान कराने वाली मां के जीवन में दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है। स्वास्थ्य मंत्रालय और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) शिशु को शुरुआती छह महीनों तक अनन्य स्तनपान (Exclusive Breastfeeding) करवाने की सलाह देते हैं। इसके बाद स्तनपान के साथ-साथ शिशु को ठोस आहार देना शुरु किया जाना चाहिए। आइए जानते हैं शिशु के लिए मां का दूध कब तक जरूरी है-
सबसे जरूरी है मां का दूध: जन्म के कुछ महीनों तक मां का दूध ही बच्चे के पोषण का मुख्य स्रोत होता है। ब्रेस्ट मिल्क से ही शिशु में पोषक तत्वों की पूर्ति होती है और इसी से बच्चे का विकास होता है। इसमें मौजूद गाढ़े पीले रंग का पदार्थ कोलेस्ट्रम बच्चों की ग्रोथ और इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए बेहद जरूरी है। हालांकि, जब बच्चा 6 महीने से ज्यादा बड़ा होने लगता है तो केवल मां का दूध ही उसके लिए पर्याप्त नहीं होता है, उसकी भूख बढ़ जाती है। इसलिए इसके बाद से बच्चों को दूध के अलावा ठोस आहार देना भी शुरू कर दिया जाता है।
मां का दूध कब छुड़ाना चाहिए: जब तक आपको ऐसा महसूस हो कि आपके बच्चे को ब्रेस्ट मिल्क की जरूरत है तब तक आप उसे फीड करवा सकती हैं। ये आपका निजी फैसला है। आमतौर पर, कुछ महिलाएं अपने बच्चे को 1 साल की उम्र में अपना दूध देना बंद कर देती हैं। जबकि, कुछ महिलाएं डेढ़ या 2 साल तक शिशु को दूध पिलाती रहती हैं। हालांकि, यह बात बहुत हद तक शिशु पर भी निर्भर करता है कि वह आपके दूध के अलावा कुछ बाहरी खाद्य-पदार्थ खाता है या नहीं। जब आपका शिशु अच्छे तरीके से बाहरी फ़ूड लेना शुरू कर देता है, तब आप धीरे-धीरे कर के अपना दूध देना कम करें।
कैसे बंद कराएं ब्रेस्ट फीडिंग: आप एक बार में ही ब्रेस्ट फीडिंग बंद नहीं कर सकती है। इसलिए धीरे-धीरे इसे कम करने की कोशिश करें। कई बार महिलाएं बच्चों में स्तनपान की आदत छुड़ाने के लिए अपनी निप्पल पर कड़वी चीजें लगा लेती हैं जिससे बच्चे जब मां का दूध पीते हैं तब उन्हें कड़वा लगता है और वो दोबारा स्तनपान करने से कतराते हैं। इस बात का ध्यान जरूर रखें कि बच्चे कभी भी भूखे नहीं रहें। ऐसे में कुछ-कुछ घंटों पर उनको खिचड़ी, सब्जी की प्यूरी, दाल का पानी और जूस जैसे पोषक तत्वों से भरपूर तरल पदार्थ देते रहें।