उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को देखते हुए भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद भी काफी सक्रिय हैं। हाल ही में चंद्रशेखर ने कि बीएसपी सुप्रीमो मायावती विधानसभा चुनाव में उनका साथ देती हैं तो वह 2024 में उन्हें ‘प्रधानमंत्री’ बनवा देंगे। इसके अलावा उन्होंने साफ कर दिया था कि उनकी पार्टी अगले साल होने जा रहे दिल्ली नगर निगम चुनाव में भी उम्मीदवार उतारेगी। एक इंटरव्यू में चंद्रशेखर ने कहा था कि उनका मुख्य उद्देश्य बीजेपी को सत्ता से बाहर करना है।
यूपी में जारी सियासी हलचल के बीच चंद्रशेखर का ‘Scoop Whoop’ के साथ एक पुराना इंटरव्यू वायरल हो रहा है। इसमें भीम आर्मी चीफ से सवाल पूछा गया था, ‘जातीय भेदभाव कई सालों से खत्म नहीं हो रहा है। मेरे आसपास लोगों को देखूं तो उनका मानना है कि आर्थिक रूप से मजबूत लोगों को आरक्षण क्यों चाहिए?’ इसके जवाब में चंद्रशेखर आजाद कहते हैं, ‘आप ये देखिए किस जाति की कौन सी जगह पर कितनी भागीदारी है? जब तक समाज की भागीदारी नहीं होगी तो उनकी कोई बात भी नहीं सुनेगा।’
चंद्रशेखर आजाद ने आगे कहा था, ’85 केंद्रीय सचिवों में से सिर्फ 1 एससी का है, तीन एसटी के हैं और एक भी ओबीसी का नहीं है। ऐसा ही अंडर सेक्रेटरी और जॉइंट सेक्रेटरी पर भी है। पूरे सिस्टम में भागीदारी ‘अपर कास्ट’ की है। जब कोई दिक्कत आती है तो आरक्षण वाले लोगों को ढूंढते हो। जब हमारे लोग ही वहां नहीं हैं तो हम गाली क्यों खाएं? देश का पैसा लेकर भागने वाले कितने लोग SC/ST, OBC के हैं? हमारे लोगों को हजारों साल तक शिक्षा से दूर रखा गया है। आज वो चाहते हैं कि देश के विकास में भूमिका अदा करें।’
अमेरिका में भी है आरक्षण: भीम आर्मी चीफ कहते हैं, ‘ब्लैक के लिए अमेरिका में भी आरक्षण है। अगर भारत में भी यही मिल रहा है तो क्या परेशानी हो रही है। आरक्षण का उद्देश्य आर्थिक मजबूती के अलावा सामाजिक भागीदारी से था। अभी तक तो सामाजिक भागीदारी हमें मिली नहीं है। मैं सिस्टम को तोड़ देना चाहता हूं। कभी किसानों के मुद्दे पर भी बात नहीं होती है? क्योंकि संसद में कोई किसान नहीं बैठा है।’
मूंछों पर दिया था ताव: चंद्रशेखर से एक अन्य इंटरव्यू में पूछा गया था कि आपने जेल से निकलते ही मूंछों को ताव दिया था। इसका क्या मैसेज है? इसके जवाब में उन्होंने कहा था, ‘मेरे देश का युवा मुझे काम से नहीं स्टाइल से पसंद करता है। क्योंकि उन्हें विश्वास है कि ये व्यक्ति कभी टूटेगा नहीं। मैं समाज में परिवर्तन चाहता हूं। हजारों साल तक संघर्ष करने के बाद भी हमें बराबरी का हक नहीं मिल पाया है।’