Skincare Tips: मौसम में बदलाव आने के साथ ही लोगों की स्किन भी प्रभावित होती है। मॉनसून के दौरान हवा में नमी मौजूद होती है जो स्किन की टेक्सचर को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकते हैं। एक्सपर्ट्स के मुताबिक जिस तरह अलग-अलग सीजन में लोग विभिन्न प्रकार के कपड़े पहनते हैं, ठीक वैसे ही बदलते मौसम में स्किन केयर रूटीन में भी बदलाव करना चाहिए।
बरसात स्किन को रूखा, बेजान और खुजलीदार बना सकता है जो पिंपल्स और दूसरी स्किन एलर्जी का खतरा बढ़ाता है। चेहरे पर ज्यादा पसीना आने से स्किन में कीटाणु जम सकता है। ऐसे में नहाते समय नीम का तेल और एलोवेरा नियमित रूप से इस्तेमाल करना चाहिए।
क्या हैं फायदे: ये दोनों ही चीजें त्वचा को पोषण देते हैं, आराम पहुंचाते हैं और गंदगी और धूल-मिट्टी से सुरक्षित रखने में मददगार होते हैं। नीम और एलोवेरा में एंटी-बैक्टीरियल व एंटी-इंफ्लेमेट्री प्रॉपर्टीज होती हैं जो सभी तरह की स्किन टाइप के लिए फायदेमंद होती हैं। त्वचा को पूरी तरह से साफ करने और तेल के उत्पादन को नियंत्रित करने में भी मददगार हैं। इसके साथ ही, ये दोनों तत्व बरसात के मौसम में होने वाली कई स्किन प्रॉब्लम्स को दूर करने में सहायक होती हैं।
दूर होती है एक्सेस ऑयल की परेशानी: नीम और एलोवेरा स्किन को डीप क्लीन करने में मदद करता है। साथ ही, ये स्किन स एक्सेस ऑयल को बाहर निकालने मं मदद करता है। साथ ही, त्वचा से मुंहासों और लालीपन को कम करने में भी सहायक होता है। इसमें मौजूद एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं जो स्किन को बेहतर बनाने में मददगार होते हैं।
स्किन को हाइड्रेटड रखना चाहिए: एलोवेरा मं वॉटर डेंस प्रॉपर्टीज होती हैं जो नेचुरल हाइड्रेटर का कार्य करता है और त्वचा को डिहाइड्रेशन से बचाता है। इसमें प्रचुर मात्रा में एंटी-ऑक्सीडेंट्स और विटामिन्स पाए जाते हैं जो स्किन को मॉइश्चराइज रखता है।
कम होता है एलर्जी-इंफेक्शन का खतरा: नीम में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और एंटी-वायरल एजेंट पाए जाते हैं जो स्किन इंफेक्शन का खतरा कम होता है। आप चाहें तो बॉडीवॉश में भी एलोवेरा का इस्तेमाल कर सकते हैं।
एंटी-पॉलयूशन एजेंट: इस मौसम में नमी होती है जो ब्लैकहेड और वाइटहेड जैसी परेशानियों को बुलावा देते हैं। वहीं, ज्यादा पसीना आने से चेहरे पर गंदगी जमा हो जाती है। नीम और एलोवेरा ये सभी परेशानियों को कम करने में मदद करते हैं।
