उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सौतेली मां साधना गुप्ता को लेकर कई चर्चाएं होती हैं। दोनों की रिश्तों के बीच तल्खी की भी खबरें आती हैं, लेकिन कभी भी दोनों की तरफ इस पर खुलकर बात नहीं की गई है। साल 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले आईं रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि परिवार के झगड़े के लिए साधना गुप्ता जिम्मेदार हैं। इसके बाद साधना ने अपनी प्रतिक्रिया दी थी।

साधना गुप्ता ने न्यूज़ एजेंसी ‘ANI’ से बात करते हुए कहा था, ‘अब वो समय नहीं है कि कोई भी काम चुपचाप किया जाए। हर काम बताकर करना चाहिए। इतना सबकुछ मेरे लिए कह दिया कि मैंने फूट डलवाई है परिवार तो ये कहने की लोगों की हिम्मत नहीं पड़ती। कोई बात ही नहीं थी अखिलेश और मेरे बीच की। हम लोगों की कहासुनी तक नहीं हुई। उसने मुझे कभी जवाब तक नहीं दिया। मैंने उसे कभी अपना दूसरा बेटा माना ही नहीं।’

राम गोपाल यादव के आंसू पोछे: साधना गुप्ता आगे कहती हैं, ‘बहुत सारे दुष्ट लोगों को गलत लिखने में बहुत मजा आता है। अखिलेश से मेरी बात लगातार होती रही। हम तो कहते हैं कि नेकी करो और कुएं में डाल दो और ऊपर वाला देख भी रहा है और वो मेरे साथ अन्याय नहीं करेगा। मैंने तो पूरे परिवार को जोड़ने का प्रयास किया है। मैंने प्रोफेसर साहब (राम गोपाल यादव) के अपने हाथों से आंसू तक पोंछे थे। बड़े वाले बेटे की शादी तक मैंने करवाई थी।’

मुलायम की पहली पत्नी की सेवा करती थी साधना: अखिलेश की बायोग्राफी ‘बदलाव की लहर’ में बताया गया कि उन दिनों अखिलेश की मां मूर्ती देवी बहुत बीमार रहती थीं और साधना गुप्ता उनकी देखभाल करती थीं। एक बार नर्स मूर्ति को गलत इंजेक्शन दे रही थी। उस समय वहां मौजूद साधना गुप्ता ने नर्स का हाथ पकड़ लिया था। बाद में मुलायम सिंह यादव तक ये बात पहुंची तो वह काफी प्रभावित भी हुए थे। यहीं से दोनों के रिश्ते की शुरुआत हुई थी और बाद में मूर्ती देवी के निधन के बाद मुलायम ने साधना को अपनी पत्नी का दर्जा दिया था।