Menopause in Women, Menopause After Affects in Women, Greenary affects Women’s Health: मेनोपॉज महिलाओं में होने वाला एक प्राकृतिक क्रिया है। बदलती जीवनशैली के साथ ही महिलाओं में हार्मोनल बदलाव भी देखने को मिलते हैं जिससे किसी को मेनोपॉज पहले आ जाता है वहीं, कुछ को देर से। हालांकि, भारतीय महिलाओं में मेनोपॉज आने की औसतन उम्र 46 से 48 साल है। मेंटल बिहेवियर के साथ ही इन महिलाओं के सेक्शुअल बिहेवियर में भी चेंजेज देखने को मिलते हैं। इस बीच, “हेल्थशॉट्स” में छपे एक नए शोध से पता चलता है कि ज्यादा हरियाली वाली जगह में रहने से मेनोपॉज को कुछ समय के लिए टाला जा सकता है।

हरियाली में रहने से मेनोपॉज आता है 1.5 साल देर से: काफी लंबे वक्त तक चले इस शोध में 9 देशों की लगभग 1,955 महिलाओं को शामिल किया गया था। इन महिलाओं ने स्वास्थ्य और अपने जीवनशैली से जुड़े कई सवालों के जवाब तो दिए ही साथ में इनका ब्लड सैंपलिंग भी करवाया गया। इसके अलावा, इन महिलाओं के आसपास कितनी हरियाली मौजूद है वो भी देखा गया। शोध से ये पता चलता है कि हरियाली महिलाओं के स्ट्रेस हार्मोन ‘कॉर्टिसोल’ को कम करने में मददगार है जिससे उनमें सेक्स हार्मोन ‘एस्ट्राडियोल’ बढ़ता है और मेनोपॉज देरी से आता है। इसके अनुसार, दूसरों की तुलना में हरियाली में रहने वाली महिलाओं में मेनोपॉज की स्थिति 1.4 साल बाद आती है।

जीवनशैली भी अदा करती है महत्वपूर्ण भूमिका: शोधकर्ताओं के मुताबिक, महिलाओं में मेनोपॉज की स्थिति के लिए उनकी जीवनशैली भी जिम्मेदार होती है। धूम्रपान, शराब का सेवन, मोटापा जैसी चीजें भी इसे प्रभावित करती हैं। इसके अलावा, शारीरिक तौर पर आप कितने एक्टिव हैं, ये भी मेनापॉज के समय को आगे-पीछे कर सकती है। फिजिकली फिट महिलाओं में भी मेनोपॉज सही समय पर आता है वहीं, अधिक मोटापे से ग्रस्त होने पर या जंक फूड के ज्यादा सेवन कुछ महिलाओं में ये जल्दी भी आ जाता है। इसके अलावा, ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव का इस्तेमाल भी मेनोपॉज के आने का एक महत्वपूर्ण फैक्टर है।

हरियाली के हैं और भी कई फायदे: इसके अलावा भी हरियाली में रहने के कई फायदे होते हैं। चारों तरफ हरे-भरे पेड़ देखने से लोगों का स्ट्रेस काफी हद तक कम हो जाता है। इसके साथ ही लोग तरोताजा भी महसूस करते हैं। हरियाली में रहने से मोटापा होने का खतरा भी कम होता है और आप खुली और शुद्ध हवा में सांस ले सकते हैं। इसके अलावा, कई शोध में ये साबित हो चुका है कि डिप्रेशन से लड़ने में भी हरियाली असरदार है।