पर्यावरण के साथ-साथ धूम्रपान, शराब पीने, धूप में रहने और वायु प्रदूषण जैसे बाह्य कारक कैंसर के 10 में से नौ मामलों में जिम्मेदार होते हैं। अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि पूर्व में ऐसी धारणा रही है कि कोशिका में अचानक बदलाव होने से ट्यूमर का विकास होता है। हालांकि, न्यूयार्क के स्टोनी ब्रुक विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि बाह्य कारकों का ज्यादा प्रभाव पड़ता है। इसका सीधा मतलब यह है कि कैंसर को पहले की सोच की तुलना में ज्यादा प्रभावी तरीके से रोकना संभव हो सकेगा। इस अध्ययन का प्रकाशन ‘नेचर’ नामक जर्नल में हुआ है।