Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के कंधई पुलिस थाने के एसएचओ को कड़ी फटकार लगाई है। एसएचओ ने कोर्ट के आदेश का पालन करने से इनकार कर दिया। साथ ही, कोर्ट के निर्देशों के बावजूद याचिकाकर्ता को बलपूर्वक गिरफ्तार कर लिया और उसके साथ मारपीट की।
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, कोर्ट के आदेश का पालन करने से इनकार करते हुए एसएचओ ने स्थानीय भाषा में कहा, “मैं किसी सुप्रीम कोर्ट का आदेश नहीं मानूंगा, मैं तुम्हारा सारा हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट आज निकलवा दूंगा।” जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एनवी अंजारिया की बेंच ने अवमानना याचिका पर सुनवाई की।
याचिका में क्या था?
इस याचिका में शिकायत की गई थी कि 28 मार्च 2025 के संरक्षण आदेश के बावजूद याचिकाकर्ता को कथित तौर पर वर्कप्लेस में घसीटा गया, गिरफ्तार किया गया और अवमाननाकर्ता (एसएचओ) गुलाब सिंह सोनकर द्वारा 23 अप्रैल, 2025 को शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया। आगे आरोप लगाया गया कि जब याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की एक कॉपी पेश की, तब भी एसएचओ ने स्थानीय भाषा में उसके साथ दुर्व्यवहार किया। कोर्ट के आदेश का अनादर किया और उसका पालन करने से इनकार कर दिया।
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न्याय की धारा को प्रदूषित करने की इजाजत नहीं दी जा सकती- सुप्रीम कोर्ट
कोर्ट ने इससे पहले उत्तर प्रदेश गृह विभाग को निर्देश दिया था कि वह एडीजीपी से नीचे के रैंक के अधिकारी के माध्यम से मामले की जांच करे। कोर्ट ने कहा कि अवमाननाकर्ता एसएचओ को पुलिस वर्दी की आड़ में न्याय की धारा को प्रदूषित करने की इजाजत नहीं दी जा सकती। कोर्ट एसएचओ के खिलाफ सख्त आदेश पारित करने के लिए इच्छुक था, लेकिन सरकार के वकील द्वारा यह बताए जाने के बाद कि जांच रिपोर्ट के आलोक में अवमाननाकर्ता के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाएगी और घटनाक्रम से कोर्ट को अवगत कराने के लिए समय मांगा जाएगा। कोर्ट ने सरकार के अनुरोध को मानते हुए मामले को 7 नवंबर 2025 को फिर से सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया।
