Lawrence Bishnoi Interview Case: पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने शनिवार को डीएसपी गुरशेर सिंह संधू द्वारा दायर याचिका पर पंजाब राज्य से जवाब मांगा, जिसमें लॉरेंस बिश्नोई इंटरव्यू मामले के संबंध में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की गई है।

जस्टिस राजेश भारद्वाज ने दोनों पक्षों कीदलीलें सुनने के बाद यह आदेश पारित किया। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता बिपन घई ने अधिवक्ता निखिल घई और मनवंत चब्बा की सहायता से दलील दी कि संधू को झूठा फंसाया गया है। मामले में रद्दीकरण रिपोर्ट (Cancellation Report) दाखिल करने के बावजूद राज्य सरकार उन्हें बार-बार परेशान कर रही है।

वकील ने बताया कि संधू ने इससे पहले सीआरएम-एम-31019-2025 में हाई कोर्ट का रुख किया था, जिसमें कोर्ट ने 4 जून, 2025 को राज्य को उनकी कथित संलिप्तता को प्रमाणित करने वाले साक्ष्य पेश करने का निर्देश दिया था। हालांकि, याचिकाकर्ता ने एक नई याचिका दायर करने की छूट के साथ वह याचिका वापस ले ली, क्योंकि राज्य निर्देशों का पालन करने में विफल रहा, जिसके कारण यह याचिका दायर की गई।

राज्य की ओर से नोटिस स्वीकार करते हुए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से उपस्थित वरिष्ठ अधिवक्ता पुनीत बाली, अधिवक्ता अनमोल चंदन और उप महाधिवक्ता जे.एस. अरोड़ा ने याचिकाकर्ता द्वारा प्रस्तुत दलीलों का विरोध किया।

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दोनों पक्षों को सुनने के बाद जस्टिस भारद्वाज ने राज्य को निर्देश दिया कि वह “इस न्यायालय द्वारा 04.06.2025 को पहले ही पारित आदेश को ध्यान में रखते हुए एक विस्तृत जवाब दाखिल करे।” मामले की अगली सुनवाई 4 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई है।

यह मामला गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के एक वीडियो इंटरव्यू के प्रसारण से जुड़ा है, जो कथित तौर पर पंजाब पुलिस की हिरासत में था। पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने 2023 में स्वतः संज्ञान लिया, जिसके बाद एक विशेष जांच दल (एसआईटी) ने जांच की। जांच में पुलिस अधिकारियों की गंभीर चूक की पुष्टि हुई, जिनमें गुरशेर संधू भी शामिल थे, जिन्हें बाद में बर्खास्त कर दिया गया था।

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