लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के सबसे सफल गेंदबाज हैं। राजस्थान रॉयल्स के लिए खेलते हुए आईपीएल 2023 में वह लीग के सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज बने। चहल ने खुलासा किया है कि वह अपने स्कूल के दिनों में एक तेज गेंदबाज थे, लेकिन पिता की सलाह के बाद लेग स्पिन बन गए। उनके पिता भी यूनिवर्सिटी लेवल के क्रिकेटर हैं। क्रिकेटर के पिता ने उनसे स्पष्ट रूप से कहा था कि वह कद काठी के साथ तेज गेंदबाज के तौर पर सफल नहीं होंगे।
चहल को व्हाइट बॉल क्रिकेट में भारत का सबसे बेहतरीन स्पिनर में से एक माना जाता है। 2016 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने के बाद उन्होंने 72 एकदिवसीय और 75 टी20 में मेन इन ब्लू का प्रतिनिधित्व किया है, जिसमें 121 और 91 विकेट लिए हैं। आईपीएल में उन्होंने 145 मैचों में 21.69 की औसत से 187 विकेट लिए हैं। रणवीर अल्लाहबादिया के यूट्यूब चैनल पर क्रिकेटर ने खुलासा किया कि कैसे वह एक तेज गेंदबाज से लेग स्पिनर बने और इसमें उनके पिता ने कैसे अहम भूमिका निभाई।
इस बिल्ड के साथ तो नहीं होगा
युजवेंद्र चहल ने कहा, “पहले मैं स्कूल में तेज गेंदबाज था। मैं तब की बात कर रहा हूं जब मैं 6-7 साल का था। पिताजी एक यूनिवर्सिटी के लिए खेलते थे। वह पांच वर्षों तक यूनिवर्सिटी के कप्तान भी रहे। मैं एक तेज गेंदबाज था, लेकिन पिताजी ने मुझसे कहा कि इस बिल्ड के साथ तो नहीं होगा। फिर मैंने लेग-स्पिन गेंदबाजी करना शुरू किया।”
लेग स्पिन उन्हें स्वभाविक तौर पर आती थी
32 साल के युजवेंद्र चहल ने कहा कि लेग स्पिन उन्हें स्वभाविक तौर पर आती थी। उन्होंने कहा, “ऐसा नहीं है कि मैंने किसी को देखा, यह अपने आप हुआ। मैंने 8 साल की उम्र से लेग स्पिन गेंदबाजी करना शुरू कर दिया था। जब मैं 10 साल का था, तो मैंने पहली बार हरियाणा के लिए अंडर-14 खेला। वहीं से प्रोफेशनल क्रिकेट की शुरुआत हुई। अब लगभग 23 साल हो गए हैं।”