इंग्लैंड क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान माइकल वॉन के भारत को लेकर 24 घंटे में ही सुर बदल गए हैं। एक दिन पहले टीम इंडिया का मजाक उड़ाने वाले माइकल वॉन अब भारतीय बल्लेबाजों की तारीफ करते नहीं थक रहे हैं। उनके ऐसा करने पर सोशल मीडिया में उनको ट्रोल किया जा रहा है। ट्विटर पर कुछ लोगों ने तो यहां तक लिखा दिया कि थाली के बैंगन मत बनो।

वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल इंग्लैंड के साउथम्प्टन में भारत और इंग्लैंड के बीच खेला जा रहा है। मैच का पहला दिन बारिश में धुल गया। इसके बाद माइकल वॉन ने ट्वीट किय। उन्होंने लिखा, ‘साउथम्प्टन टेस्ट में भारत को बारिश ने बचा लिया।’ उन्होंने अपने ट्वीट को वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप पर भी टैग किया। शायद वह ट्वीट के जरिए यह कहना चाहते थे कि मैच में न्यूजीलैंड के मुकाबले टीम इंडिया का पलड़ा कमजोर है।

इस ट्वीट के 24 घंटे के भीतर ही वॉन ने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप को लेकर एक और ट्वीट किया। इस ट्वीट में माइकल वॉन ने माना कि साउथम्प्टन में पहली पारी में 225 रन का स्‍कोर अच्‍छा होगा। वॉन ने चुनौतीपूर्ण स्थितियों में अच्छी बैटिंग के लिए भारतीय बल्‍लेबाजों की तारीफ की। उन्होंने यह भी दावा किया कि टीम इंडिया के पास डब्‍ल्‍यूटीसी फाइनल में बेहतर करने का मौका है।

वॉन ने अपने इस ट्वीट में लिखा, ‘साउथम्प्टन में 225 का स्कोर अच्छा दिख रहा है। भारत ने अब तक इन स्थितियों में अच्‍छा प्रदर्शन किया है। ऐसे में वह विश्‍व टेस्‍ट चैंपियनशिप फाइनल नहीं हारेगा।’ उनके इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर लोगों ने उनकी जमकर क्लास ली।

वॉन के ट्वीट पर @VasuAga46897694 ने कमेंट किया, ‘कल आप कह रहे थे कि बारिश ने भारत को बचा लिया। अब आप कह रहे हैं भारत ने बहुत बढ़िया किया! जरा सोचिए कि आप किसकी तरफ होना चाहते हैं, न्यूजीलैंड या भारत! हालात पर मत जाओ, ऐसा नहीं हो सकता है कि अगर इंग्लैंड में बारिश हो रही है, तो आप भारत आ जाएं या भारत में बारिश हो रही है तो इंग्लैंड चले जाओ। एक तरफ रहें।’

एक अन्य यूजर @dineshsays ने लिखा, ‘यदि भारत जीतता है या मैच ड्रॉ भी हो जाता है तो मैं व्यक्तिगत रूप से तुम्हें सारी जिंदगी ट्रोल करूंगा।’ @NimeshVaja7 ने लिखा, ‘तुम्हारी टीम बहुत गिरी हुई है और तुम एक क्रिकेटर नहीं हो।’ @livetolaugh_02 ने लिखा, ‘अपने दिमाग को स्थिर करो वॉन!! बारिश होती है तो तुम भारत के फायदे को लेकर बात करते हो… लगता है कि तुम भी मौसम की तरह बदल जाते हो।’