मोहम्मद सिराज ने बहुत ही तेजी के साथ भारतीय टेस्ट टीम में अपनी जगह पुख्ता की है और वो गेंदबाजी डिपार्टमेंट में इस टीम के अहम सदस्य हैं। मो. सिराज ने भारत के लिए अब तक खेले टेस्ट मैचों में अपनी गेंदबाजी से खूब प्रभावित किया है, हालांकि वो अन्य प्रारूप में भी अच्छी गेंदबाजी की है। लंदन के ओवल मैदान पर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले जा रहे आईसीसी वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2023 के फाइनल की पहली पारी में सिराज भारत की तरफ से सबसे सफल गेंदबाज रहे थे और सबसे ज्यादा 4 विकेट लिए थे साथ ही स्टीव स्मिथ के साथ उनकी नोकझोंक ने भी खूब सुर्खियां बटोरी।
मो. सिराज ने अब अपनी आक्रामक गेंदबाजी शैली के बारे में बात करते हुए इस बात को स्वीकार किया कि आक्रामकता उनकी गेंदबाजी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और एक टेस्ट मैच आक्रामकता पर आधारित होता है। बाएं हाथ के इस गेंदबाज का मानना है कि आक्रामकता की वजह से उन्हें मैदान पर फायदा होता है क्योंकि इससे उन्हें टीम के प्रदर्शन पर अधिक ध्यान केंद्रित करने की अनुमति मिलती है और इससे मेरी गेंदबाजी में और पैनापन आता है।
मो. सिराज ने आईसीसी के इंटरव्यू में कहा कि मेरी गेंदबाजी में आक्रामकता का बहुत बड़ा रोल है साथ ही ये मेरे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। टेस्ट क्रिकेट पूरी तरह से आक्रामकता के बारे में है और ये सिर्फ साधारण गेंद को फेंकने और बिना कुछ कहे छोड़ देने के बारे में नहीं है। कुछ गेंदबाजों के विपरीत जो आक्रामकता की वजह से इधर-उधर गेंदबाजी करते हैं उनकी तुलना में मेरी गेंदबाजी ज्यादा सटीक है। मैं जितना अधिक आक्रामक हूं मुझे उतनी ही सफलता मिलती है।
सिराज ने बताया कि मैं टेनिस बॉल क्रिकेट काफी ज्यादा खेला करता था और मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं भारतीय टीम का हिस्सा बनूंगा। मैं हर मैच में अपना सौ फीसदी देता था और मुझे ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मेलबर्न टेस्ट में खेलने का मौका दिया गया था। मेरे पिता को मुझ पर गर्व होता अगर वो जिंदा होते, क्योंकि टेस्ट खेलना सम्मान की बात है।