बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह पर ओलंपिक मेडलिस्ट एमसी मैरीकॉम की अध्यक्षता वाली ओवरसाइट कमेटी की रिपोर्ट सामने आई है। दिल्ली पुलिस ने रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ जो चार्जशीट दायर की है, उसमें यह रिपोर्ट भीहै। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि बृजभूषण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों के अलावा रेफरी, कोच और फिजियोथेरेपिस्ट ने भी बयान दिए हैं। साल 2014 में नेशनल कैंप में बतौर फिजियोथेरेपिस्ट काम करने वाले परमजीत सिंह मलिक ने कुछ बड़े खुलासे किए हैं।
नेशनल कैंप से रात में बाहर ले जाई जाती थीं जूनियर रेसलर
परमजीत सिंह ने बताया कि महिला और पुरुषों के कैंप अलग-अलग जगह लगाए जाते थे। वह साल 2014 में महिला कैंप का हिस्सा थे। उस दौरान उन्होंने देखा कि रात को 10-11 बजे के आसपास एक गाड़ी कैंप में आती थी। कुछ जूनियर महिला रेसलर को लेकर कैंप से बाहर जाती थी। परमजीत सिंह मलिक ने इसकी शिकायत नेशनल कैंप के चीफ कोच से की। हालांकि, शिकायत के बाद परमजीत सिंह को ही कैंप से बाहर कर दिया गया था।
बृजभूषण सिंह ने ओवरसाइट कमेटी (निगरानी समिति) को महिला और पुरुषों पहलवानों के कैंप अलग-अलग कराने की वजह भी बताई। उन्होंने कहा, ‘मैंने कभी नहीं कहा कि कैंप लखनऊ में कराओ। मैंने बस यही कहा कि दोनों वर्ग के कैंप अलग-अलग हो ताकि ट्रेनिंग पर असर न हो। पहलवानों के माता-पिता भी यही चाहते थे।’
बृजभूषण सिंह ने दिया शास्त्रों का हवाला
कमेटी ने जब सवाल किया किया कैंप को लेकर खिलाड़ियों की राय क्यों नहीं ली गई। बृजभूषण सिंह ने जवाब में शास्त्रों का हवाला देते हुए कहा, ‘बाहर महिला और पुरुष पहलवान एक साथ अभ्यास नहीं करते हैं। जवान भाई-बहन एक साथ क्यों नहीं सोते। यह महिला कॉलेज और महिला यूनिवर्सिटी क्यों हैं? हमारे शास्त्रों में लिखा है भाई बहन एक साथ एकांत में न रहें। अब हम यह कह देते हैं तो इस पर बड़ी बहस छिड़ जाएगी। ‘
