बृजभूषण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट की अगुआई में मोर्चा खोले पहलवानों ने आमरण अनशन का ऐलान किया। इसके बाद बुधवार को इंडिया गेट के पास भारी संख्या में सुरक्षाबल तैनात कर दिए गया। हालांकि, दिल्ली पुलिस ने 30 मई 2023 को साफ कर दिया था कि पहलवानों को इंडिया गेट पर अनशन करने की मंजूरी नहीं दी जाएगी। 28 मई को जनता मंतर से हटाए जाने के बाद,पहलवानों ने कहा था कि वे अपना विरोध जारी रखेंगे।

पहलवान मंगलवार को अपना मेडल गंगा नदी में बहाने हरिद्वार पहुंचे थे। हालांकि, उन्होंने ऐसा किया नहीं। उन्होंने यह फैसला हरिद्वार में दो घंटे के विरोध प्रदर्शन के बाद लिया। पहलवानों को किसान नेताओं ने कठोर कदम नहीं उठाने के लिए मनाया। नरेश टिकैत को उन्होंने मेडल सौंप दिया। बृजभूषण शरण सिंह का इसपर बयान आया है। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ लगे आरोपों की दिल्ली पुलिस पहले से ही जांच कर रही है। पहलवानों का गंगा में मेडल बहाने का फैसला खुद का है। इसमें कोई क्या कर सकता है।

बृजभूषण शरण सिंह का बयान

एएनआई को बयान देते हुए बृजभूषण ने कहा, “मामले की जांच दिल्ली पुलिस कर रही है। अगर आरोपों (पहलवानों द्वारा उनके खिलाफ लगाए गए) में कोई सच्चाई है, तो गिरफ्तारी की जाएगी। वे अपने पदक गंगा में बहाने के लिए हरिद्वार गए थे, लेकिन बाद में उन्होंने इसे टिकैत को सौंप दिया। यह उनका स्टैंड है, हम क्या कर सकते हैं?”

दिल्ली पुलिस का बयान

दिल्ली पुलिस का कहना है कि पहलवानों को इंडिया गेट पर विरोध करने की अनुमति नहीं दी जाएगी क्योंकि यह राष्ट्रीय स्मारक है, प्रदर्शन करने का स्थल नहीं। पीटीआई से एक पुलिस सूत्र ने कहा, “इंडिया गेट विरोध स्थल नहीं है और हम उन्हें (पहलवानों को) वहां प्रदर्शन नहीं करने देंगे। उन्होंने अब तक इस तरह के किसी अनुरोध के साथ हमसे संपर्क नहीं किया है। यदि वे विरोध करना चाहते हैं, तो उन्हें संबंधित डीसीपी को एक पत्र लिखना होगा, जिसके बाद कोई निर्णय लिया जाएगा।” सूत्र ने कहा कि विरोध प्रदर्शन के लिए दिल्ली पुलिस रामलीला मैदान और बुराड़ी जैसे वैकल्पिक स्थलों का सुझाव दे सकती है।