यौन शोषण का आरोप झेल रहे भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह जंतर-मंतर पर धऱना दे रहे पहलवानों पर मीडिया के माध्यम से जमकर बरसे और कहा कि चाहो तो मेरी गर्दन कटवा लो, लेकिन कुश्ती के टूर्नामेंट मत रोको। उन्होंने आज तक से बात करते हुए कहा कि मैं उन खिलाड़ियों से अपील करना चाहता हूं जो अंडर-15 के खिलाड़ी हैं, जूनियर हैं या फिर अंडर-23 के हैं वो धरना दे रहे पहलवानों से कहें कि वो चाहें तो मेरी गर्दन उतार लें, लेकिन बच्चों का खेल नहीं रोकें।

चार महीनों से कुश्ती की गतिविधियां ठप

बृजभूषण सिंह ने आगे कहा कि धरना दे रहे पहलवान बच्चों का खेल जबरदस्ती रोक रहे हैं और ऐसा ना करें। ये हिन्दुस्तान के लिए बहुत ही नाजुक वक्त है और जो कुश्ती हमारे देश में खेल की लिस्ट में 17वें या 18वें नंबर पर होती थी उसे आज मैं दूसरे या तीसरे नंबर पर लेकर आया हूं। पिछले चार महीनों से इस खेल की सारी गतिविधियां पूरी तरह से ठप है। खिलाड़ियों के अभिभावक जो कर्ज लेकर दूध, घी या अन्य चीजों की व्यवस्था करते हैं, अगर वो बच्चे खेल में हिस्सा ही नहीं लेंगे, लड़ ही नहीं पाएंगे तो उनके करियर का क्या होगा।

धरना दे रहे पहलवान युवाओं का करियर कर रहे खराब

उन्होंने धरना दे रहे पहलवान बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक के बारे में कहा कि इन खिलाड़ियों का करियर पूरी तरह से खत्म हो चुका है और ये अपना करियर खत्म कर चुके हैं और ये अब एक भी टूर्नामेंट के लिए सेलेक्ट होने के लायक नहीं बचे हैं। अगर ये किसी भी टूर्नामेंट के लिए सेलेक्ट हो जाएं तो मुझे कहिएगा। अब नए-नए बच्चे सामने आ रहे हैं, लेकिन ये धरना दे रहे पहलवान उन बच्चों का करियर खत्म कर रहे हैं। मैं अपील करना चाहता हूं उन अभिभावकों से कि आप अपने बच्चों के बारे में सोचो। आप बच्चों को प्रैक्टिस क्यों करवाते हैं और अगर उनका टूर्नामेंट ही नहीं होगा तो वो एशिया चैंपियनशिप, वर्ल्ड चैंपियनशिप में कैसे हिस्सा लेंगे।

मुझे गाली दो या सजा दो, टूर्नामेंट मत रोको

बृजभूषण सिंह ने कहा कि वो लोग खेल को क्यों रोकना चाहते हैं इनसे पूछो कि वो ऐसा क्यों करना चाहते हैं। मैं तो रुकने के लिए तैयार हूं, लेकिन मैं अगर रुक जाउंगा को इन सारे टूर्नामेंट की व्यवस्था ये करवाएं या फिर सरकार करे किसी भी हार में खेल नहीं रुकना चाहिए। मैं अपील करना चाहता हूं कि मुझे गाली दो या फिर सजा दो, लेकिन टूर्नामेंट मत रोको खेल होना चाहिए कैंप चलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पूरे देश के लोगों में इतनी पीड़ा है कि एक बार में बोल दूं तो जंतर-मंतर पर इतनी भीड़ पहुंच जाएगी जितनी कभी वहां पर पहुंची नहीं होगी।