Wrestlers in Supreme Court: देश के स्टार पहलवान रेसलिंग फेडरेशन के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ मोर्चा खोले बैठे हैं। पहलवान रविवार, 23 अप्रैल से जंतर-मंतर पर बैठे हुए हैं। इन खिलाड़ियों का कहना है कि दिल्ली पुलिस में सात महिला खिलाड़ियों ने बृजभूषण के खिलाफ यौन शोषण की शिकायत की लेकिन कोई एफआईआर दर्ज नहीं की गई है। अब पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की है. सीनियर वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट के सामने पहलवानों का पक्ष रखा।
कपिल सिब्बल ने रखा पहलवानों का पक्ष
कपिल सिब्बल ने यौन शोषण का आरोप लगाने वाली महिलाओं का पक्ष रखते हुए कहा, ‘ये महिलाएं पहलवान हैं। इनमें में से एक नाबालिग भी है. कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया है। एफआईआर भी दर्ज नहीं की गई है।’ इसके जवाब में सीजीआई ने कहा, ‘हमें केस के पेपर्स दिखाएं ये सेक्शन 156 के अंदर आता है. यहां क्या चार्जेस हैं।’
सिब्बल ने कहा, ‘यहां एक व्यक्ति के खिलाफ यौन शोषण के चार्जेस हैं. आप नाबालिग की शिकायत देखें. उसने गोल्ड मेडल जीते हैं। इसके आगे का आप पढ़ लें। मैं सार्वजनिक तौर पर नहीं पढूंगा. पुलिस को भी केस दर्ज न करने का दोषी माना जाना चाहिए।’
कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को जारी किया नोटिस
कपिल सिब्बल की बातें सुनने के बाद कोर्ट ने अपना ऑर्डर जारी किया। उन्होंने ऑर्डर में कहा, ‘शिकायतकर्ताओं के असली नाम की जगह बदले हुए नाम बताए जाएंगे. भारत का प्रतिनिधित्व कर चुकी इन पहलवानों ने यौन शोषण के गंभीर आरोप लगाए हैं. इस मुद्दे पर कोर्ट के ध्यान की जरूरत है. अब दिल्ली पुलिस को नोटिस दे रहे हैं. शुक्रवार को उन्हें जवाब देना होगा. शिकायतें जिस सील बंद कवर में है उनसे फिर से सील किया जाएगा।’ सिब्बल ने आखिर में ये भी मांग की कि 166A CrPC में अमेंडमेंट के बाद अगर दिल्ली पुलिस केस दर्ज नहीं करती है तो वो भी दोषी होगी और सीजेआई ने उनकी बात मान ली।