वुमेंस प्रीमियर लीग 2025 (WPL 2025) में 15 फरवरी को दिल्ली कैपिटल्स (DC) और मुंबई इंडियंस (MI) के बीच मैच का नतीजा आखिरी गेंद पर निकला था। इस रोमांचक मैच के दौरान विवादास्पद रन आउट की घटना के मद्देनजर डब्ल्यूपीएल ने टीमों को सूचित किया है कि स्टंप से एलईडी बेल्स पूरी तरह से हटने पर ही रन आउट या स्टंपिंग दिया जाएगा।
पहले की प्लेइंग कंडीशन के अनुसार बेल्स जलने पर स्टंप को बिखरा माना जाता था। अब यह नियम डब्ल्यूपीएल 2025 में लागू नहीं होगा। टूर्नामेंट की प्लेइंग कंडीशन के अपेंडिक्स डी में कहा गया था, “एलईडी विकेट के मद्देनजर पहले फ्रेम में एलईडी लाइट्स जलेंगी। इसके बाद के फ्रेम में स्टंप के ऊपर से बेल्स को हटते दिखाया जाएगा।”
जिंग ब्रांड की बेल्स का इस्तेमाल
ईएसपीएनक्रिकइंफो के अनुसार नियम में बदलाव का कारण यह है कि इस डब्ल्यूपीएल के दौरान इस्तेमाल की जा रही गिल्लियां थोड़ी सी भी हरकत से जल रही हैं, भले वह स्टंप से न हटी हों। क्रिकेट के नियमों के तहत, गिल्लियां पूरी तरह से तभी बिखरी मानी जाती हैं जब वह स्टंप से पूरी तरह हट जाएं। बीसीसीआई ने द्विपक्षीय और घरेलू क्रिकेट के अलावा आईपीएल और डब्ल्यूपीएल में जिंग ब्रांड की बेल्स का इस्तेमाल करता है। जिंग बेल्स का आईसीसी इवेंट्स सहित अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में भी व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। माइक्रोप्रोसेसर से उस क्षण का पता लगाता है जब दोनों गिल्लियां स्टंप से हटती हैं। इससे एक सेकंड के 1/1000वें हिस्से के भीतर लाइट जल जाती है।
पहले मैच के बाद नियमों में हो गया था बदलाव
इस डब्ल्यूपीएल के दौरान लाइट तब भी जल रही थी जब गिल्लियां स्टंप पर टिकी हुई थीं। नतीजतन, यह निर्णय लिया गया कि तीसरे अंपायर अपना निर्णय पूरी तरह से गिल्लियां हटने पर लेगा। यही कारण है कि कैपिटल्स-मुंबई मैच के लिए तीसरे अंपायर गायत्री वेणुगोपालन की तीन रन आउट के फैसलों व्यापक बहस हुई। पता चला है कि मैच ऑफिशियल्स को कैपिटल्स-मुंबई मैच की सुबह इस नियम परिवर्तन के बारे में बताया गया था, जो कि सीजन का दूसरा मैच था। हालांकि, टीमों को मैच के अगले दिन सूचित किया गया था। दिल्ली-मुंबई मैच में क्या विवाद हुआ था? जानने के लिए क्लिक करें।