65 किग्रा भार वर्ग में दुनिया के नंबर वन रेसलर बजरंग पूनिया को ‘राजीव गांधी खेल रत्न’ से सम्मानित किया जाएगा। यह पुरस्कार खेल के क्षेत्र में दिया जाने वाला देश का सर्वोच्च सम्मान है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कुश्ती के क्षेत्र में लगातार अच्छा प्रदर्शन करने के लिए बजरंग को इस सम्मान के लिए चुना गया है।
रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (डब्ल्यूएफआई) ने इस पुरस्कार के लिए बजरंग पूनिया के साथ-साथ महिला 53 किग्रा भार वर्ग में दुनिया की छठे नंबर की पहलवान विनेश फोगाट के नाम की भी सिफारिश की थी।
फेडरेशन ने पिछले साल भी उन्हें खेल मंत्रालय को उन्हें यह सम्मान देने की सिफारिश की थी, लेकिन तब विराट कोहली और वेटलिफ्टर मीराबाई चानू को यह पुरस्कार दिया गया था। पूनिया खेल रत्न के लिए नजरअंदाज किए जाने से नाराज थे।
तब उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि अगर न्याय नहीं मिला तो कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। हालांकि, अपने गुरु योगेश्वर दत्त के समझाने और तत्कालीन खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ से मुलाकात करने के बाद उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया। उन्होंने कहा था कि वे खेल के दम पर फिर से अपना दावा पेश करेंगे।
हरियाणा के झज्जर जिले में जन्में 24 साल के बजरंग पूनिया अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में देश के लिए अब तक 8 से ज्यादा गोल्ड जीत चुके हैं। उन्होंने पिछले साल ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स और जकार्ता एशियाई खेलों में भी स्वर्ण पदक जीता था। पूनिया ने हाल ही में तबिलिसी ग्रैंप्रि में गोल्ड मेडल अपने नाम किया था। उन्होंने फाइनल में ईरान के पेइमान बिबयानी को पटखनी दी थी।
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बजरंग 2014 में कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियाई खेलों में रजत पदक जीत चुके हैं। उन्होंने 2013 में हुई विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था। बजरंग 2017 में हुई एशियाई चैम्पियनशिप में भी स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहे थे। बजरंग 2020 में टोक्यो में होने वाले ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने के तगड़े दावेदारों में से एक हैं।