भारतीय टीम एक के बाद एक मैच जीते जा रही है। रॉउंड रॉबिन में भारत लगातार छह मैच जीतकर अंकतालिका में दूसरे नंबर पर है। टीम के गेंदबाज कमाल कर रहे हैं, बल्लेबाज धमाल मचा रहे हैं, खुद कप्तान रोहित शर्मा भी अच्छे फॉर्म में है। हर जगह टीम इंडिया की वाहवाही हो रही है। फैंस खुश हैं लेकिन रोहित शर्मा इस तारीफ और वाहवाही को अपने सिर पर सवार नहीं कर रहे हैं। उनके दिल में ये डर है कि एक ही मैच में ये सब पलट जाएगा।
रोहित शर्मा के दिल में है डर
रोहित का मानना है कि भले ही अभी सब ठीक चल रहा हो लेकिन जैसे ही वह एक मैच हारेंगे सब बदल जाएगा। उन्होंने कहा, ‘मुझे ऐसा नहीं लगता कि ये कोई ड्रीम रन है। जब चीजें अच्छी होती हैं तो सबको अच्छा लगता है। मुझे पता ये सबसे कैसे काम करता है। एक भी मैच इधर से उधर हुआ तो मैं बुरा कप्तान जाऊंगा। मैं वही करता हूं जो कि मुझे मेरी टीम के लिए सही लगता है।’
टीम की स्थिति के अनुसार खेलते हैं रोहित
रोहित शर्मा ने छह मैचों में 398 रन बनाए है। वह अच्छी लय में है। भारतीय कप्तान अपनी बल्लेबाजी का फायदा उठा रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं अपनी बल्लेबाजी का लुत्फ उठा रहा हूं।टीम और परिस्थितियां मेरे दिमाग में होती हैं। ऐसा नहीं है कि मैं मैदान पर उतर कर बिना सोचे समझे अपना बल्ला घुमाने लग जाता हूं। मुझे इसकाअच्छी तरह से इस्तेमाल करना आता है। मेरी कोशिश होती है कि मैं अच्छी बल्लेबाजी करके टीम को बेहतर स्थिति में पहुंचा पाऊं। मेरे दिमाग में ये सब होता है।’
रोहित पर नहीं होता दबाव
उन्होंने कहा, ‘जब मैं पारी की शुरुआत करता हूं तो स्कोर जीरो होता है। पारी की लय तय करना मेरा काम होता है। आप कह सकता है कि मेरे लिए फायदेमंद होता है कि मुझ पर विकेट गिरने का दबाव नहीं होता है। जब आप शुरुआत करते हैं तो आप बेफिक्र होकर खेल सकते हैं। पिछले मुकाबले के पावर प्ले में हम दबाव में आ गए थे। तब हमने तीन विकेट गंवा दिए थे।’ रोहित ने कहा कि इस साल एशिया कप के फाइनल में श्रीलंका पर बड़ी जीत और 2011 के विश्व कप फाइनल में इसी प्रतिद्वंदी के खिलाफ जीत गुरुवार को होने वाले मैच में कोई मायने नहीं रखेगी।