अगले हफ्ते से वातावरण क्रिकेटमय रहने वाला है। 50 ओवरों वाला क्रिकेट विश्व कप जो शुरू हो रहा है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट काउंसिल का जब भी कोई प्रमुख आयोजन होता है तो टीम इंडिया से खिताबी जीत की आस बंधने लगती है। उम्मीद इस बार ज्यादा रहेगी क्योंकि मेजबान भारत है। साथ ही क्रिकेट के तीनों प्रारूपों – एकदिवसीय, टी20 और टैस्ट मैच – में अपनी धाक जमाकर भारत नंबर वन पर काबिज है।

एशिया कप की जीत और आस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन मैचों की सीरीज का हालिया प्रदर्शन भी यह गवाही दे रहा है कि भारत विश्व कप जीतने का प्रबल दावेदार है। पर चुनौती आसान नहीं रहेगी। लगभग हर टीम के धुरंधर खिलाड़ी भारतीय परिस्थितियों से बखूबी वाकिफ हैं।

इंडियन प्रीमियर लीग ने भारतीय क्रिकेट की ही नहीं, समूचे विश्व की तस्वीर बदल दी है। अब भाग लेने वाली टीमों में अनेक खिलाड़ी ऐसे हैं जो अपने प्रदर्शन से आइपीएल के सुपरस्टार का दर्जा पा चुके हैं। भारत की लगभग हर पिच का व्यवहार ये खिलाड़ी अच्छी तरह जानते हैं। फ्रेंचाइजी टीमों की जीत में ये खिलाड़ी अहम भूमिका निभा रहे हैं। पाकिस्तान और नीदरलैंड जैसी टीमें ही अपवाद रहेंगी। रिश्तों में खटास से पाक खिलाड़ियों को आइपीएल में खेलने का लाभ नहीं मिल रहा।

पांच अक्तूबर से 19 नवंबर तक चलने वाले 13वें क्रिकेट विश्व कप में दस टीमें दावा पेश कर रही हैं। कप की शक्ति परीक्षा में न कोई टीम छोटी है और न बड़ी। इतिहास गवाह है कि बड़ी टीमें उलटफेर का शिकार होती रही हैं। मैच वाले दिन जो बेहतर खेलेगा, बाजी मार ले जाएगा। अफगानिस्तान हो या श्रीलंका या फिर बांग्लादेश, सभी समीकरण बिगाड़ सकती हैं।

पर भारतीय क्रिकेटप्रेमियों की यह दुआ रहेगी कि भारत फाइनल खेले ही नहीं, जीते भी। जीत के लिए पहले टीमें अपने बड़े खिलाड़ियों पर निर्भर रहती थीं। लेकिन अब खास बात यह है कि हर टीम में प्रतिभाएं भी कमाल कर रही हैं। जिन्हें विश्व कप टीम में जगह नहीं मिली, वे भी अपनी उपस्थिति का अहसास करवा चुके हैं।

भारत ने एशिया कप को जिस धमाकेदार अंदाज में जीता, उससे निश्चय ही दूसरी टीमों पर दबाव रहेगा। आस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज में तो कप्तान रोहित शर्मा, विराट कोहली और हार्दिक पांड्या जैसे धुरंधर खिलाड़ियों को बाहर रखने के बावजूद हम जीत रहे हैं। अपने मैदान और अपने दर्शकों के बीच भारत के लिए यह सुनहरा मौका है। 2011 विश्व कप की खिताबी सफलता को दोहराने का।

28 साल बाद मिली दूसरी विश्व कप जीत के बाद भारत को बड़ी सफलता का इंतजार है। रोहित शर्मा को संतुलित टीम मिली है। टीम में अनुभव भी है और होनहार प्रतिभाएं भी। तेज गेंदबाज पिछले कुछ समय से हर परिस्थितियों में बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं। जसप्रीत बुमराह की वापसी से टीम का आक्रमण और पैना हो गया। आस्ट्रेलिया के खिलाफ मोहम्मद शमी और एशिया कप में मोहम्मद सिराज अपनी काबिलियत दिखा चुके हैं।

शार्दुल ठाकुर भी टीम में हैं। लेकिन उम्मीद की जा रही है कि स्पिनरों की भूमिका अहम रहेगी। भारत ने कुलदीप यादव, रविंदर जडेजा और अक्षर पटेल को टीम में रखा था। पर अक्षर चोटिल हैं और उनकी जगह आफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को मिल सकती है। प्रतिद्बंद्बी टीमों में खब्बू बल्लेबाजों की बहुलता को देखते हुए उनका अनुभव टीम के लिए उपयोगी हो सकता है।

पिछले कुछ समय से शुभमन गिल बेहतरीन प्रदर्शन कर रहे हैं। ओपनर की समस्या का उन्होंने हल निकाल दिया है। इस साल पांच शतक लगाकर वे जबर्दस्त बल्लेबाजी कर रहे हैं। आस्ट्रेलिया के खिलाफ एकदिवसीय सीरिज में श्रेयस अय्यर ने भी शतकीय पारी खेलकर टीम में अपना दावा ठोंक दिया है। रोहित, विराट और केएल राहुल टीम के स्तंभ हैं। राहुल ने फिटनेस समस्या के बाद वापसी करते हुए कुछ महत्त्वपूर्ण पारियां खेली हैं। आलराउंडर के तौर पर हार्दिक पांड्या, रविंदर जडेजा रहेंगे ही।

28 वर्षीय बाबर आजम की पाक टीम का प्रदर्शन उसके मजबूत इरादों पर टिका है। गेंदबाजी आक्रमण पाक की ताकत है। शाहीन अफरीदी, रउफ और अनुभवी हसन अली की तिकड़ी किसी भी बल्लेबाज को परेशानी में डाल सकती है। लेकिन नसीम शाह के चोटिल होने से पाकिस्तान को झटका लगा है। उनकी संभावना पर भी इसका असर पड़ेगा। शादाब, नवाज और इमाम उनके अहम स्पिनर हैं। पिचों से मदद मिली तो ये कहर ढा सकते हैं। लेकिन पाकिस्तान के आगे बढ़ने के लिए बाबर की अपनी फार्म महत्त्वपूर्ण होगी। एशिया कप में खाली हाथ घर वापसी से टीम को हताशा जरूर हुई होगी।

इस विश्व कप के लिए सबसे दुखद खबर है वेस्ट इंडीज का क्वालीफाई नहीं कर पाना। पहले दो विश्व कप जीतने वाली टीम ने हमेशा क्रिकेट को धाकड़ बल्लेबाज और खौफनाक गेंदबाज दिए हैं। अब उनकी गेंदबाजी का खौफ भले ही उतना नहीं रहा लेकिन हेटमायर, रसेल, लुइस सरीखे मैच जिताऊ बल्लेबाज उनके पास हैं। आस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड, दक्षिण अफ्रीका सभी मजबूत टीमें हैं। इनके खिलाड़ियों का भारत में खेलने का अनुभव कारगर साबित हो सकता है। सभी टीमों को एक-दूसरे से खेलना है, रोमांच के लिए तैयार रहिए।