न्यूजीलैंड और नीदरलैंड्स के बीच सोमवार को वर्ल्ड कप मैच के दौरान बड़ा विवाद हुआ। डच बल्लेबाज साइब्रांड एंगेलब्रेक्ट को स्टंप आउट ने देने पर हंगामा खड़ा हो गया। टीवी अंपायर जोल विलसन की खूब आलोचना हुई। जीत के लिए 323 रनों का पीछा कर रहे नीदरलैंड्स का स्कोर 41वें ओवर में 197/7 था। डेब्यूटेंट साइब्रांड एंगेलब्रेक्ट बड़ा शॉट लगाने के प्रयास में आगे निकले। रचिन रविंद्र ने यह देक गेंद को ऑफ-साइड में वाइड फेंक दी। टॉम लैथम ने गेंद पकड़ी और गिल्लियां बिखेर दीं।

ऑनफील्ड अंपायर पॉल राइफल और रॉड टकर ने ‘वाइड’ का संकेत दिया और फिर थर्ड अपंयार को रेफर किया। एंगेलब्रेक्ट क्रीज से बाहर थे विल्सन ने विकेटकीपर ने गेंद कहां पकड़ी इस पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने इस दौरान कहा, “ऐसा लग रहा है कि उन्होंने गेंद को स्टंप्स के आगे पकड़ी है। मैं जांच कर रहा हूं कि जब उन्होंने गेंद पकड़ी तब दस्ताने कहां थे? वह स्टंप के पीछे नहीं है, इसलिए यह नो-बॉल है और बल्लेबाज नॉट आउट रहेगा।

क्यों हुआ विवाद?

विल्सन जब रिप्ले देख रहे थे आईसीसी के ऑफिशियल कमेंटेटर्स निर्णय पर स्तब्ध थे।न्यूजीलैंड के पूर्व विकेटकीपर इयान स्मिथ ने माइक्रोफोन पर लौटते ही अपनी नाराजगी स्पष्ट कर दी। उन्होंने कहा, “एक पूर्व विकेटकीपर के तौर पर मुझे यह कहना होगा कि यह सबसे विचित्र चीज है जो मैंने कभी देखी है। वह बिल्कुल पागलपन है। गलव्स स्टंप के पीछे थे। शुरुआत में आगे थे, लेकिन जब गेंद दस्तानों में गई तब पीछे। दस्तानों को देखें। क्या आप कह रहे हैं कि यह नो बॉल है? खैर, जब मैं कल अखबार देखूंगा तो उसमें यही कहा जाएगा., लेकिन मेरे लिए नहीं।” सोशल मीडिया पर भी इस फैसले की आलोचना हुई।

क्या है नियम

नियम 27 विकेटकीपर से संबंधित है। आर्टिकल 27.3 में बताया गया है कि विकेटकीपर को गेंद कहां पकड़नी चाहिए। बॉल डलने के बाद जब तक वह स्ट्राइक पर बल्लेबाज के बल्ला या उससे नहीं लगती या वह रन लेने का प्रयास नहीं करता है, तब तक विकेटकीपर को पूरी तरह से विकेट के पीछे रहना होता है। विकेटकीपर नियम का उल्लंघन करता है तो गेंद नोबॉल दी जाती है।

लैथम के गलव्स स्टंप के पीछे थे या नहीं

यह बहस का विषय है कि क्या लैथम के गलव्स स्टंप के पीछे थे या नहीं, लेकिन जैसा कि स्मिथ ने खुद कहा जब गेंद आ रही थी तब उनके गलव्स स्टंप के आगे आए थे। इसलिए फैसला सही था। हालांकि, विल्सन गेंद पकड़ी गई इसके बारे में बता रहे थे,लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है कि एंगेलब्रेक्ट का फैसला सही था।