वर्ल्ड कप में लगातार चौथी जीत के लिए भारत को केवल दो रन की आवश्यकता थी। विराट कोहली को अपना 78वां अंतरराष्ट्रीय शतक पूरा करने के लिए तीन रन चाहिए थे। ऐसे में बांग्लादेश के बाएं हाथ के स्पिनर नसुम अहमद ने चलाकी दिखाई और लेंग स्टंप के बाहर वाइड गेंद फेंकी। हालांकि, ऑन-फील्ड अंपायर रिचर्ड केटलबोरो ने गेंद को वाइड नहीं दिया,क्योंकि उन्हें लगा कि कोहली ने गेंद की दिशा से हटे थे। अगर वह ऐसा नहीं करते तो गेंद उनके पैड पर लग सकती थी।

अंपायर के फैसले ने अंततः विराट कोहली को अपना 48वां वनडे शतक पूरा करने का अतिरिक्त मौका प्रदान किया। वह अब 50 ओवर के क्रिकेट में सचिन तेंदुलकर के रिकॉर्ड की बराबरी करने से एक शतक दूर हैं। क्रिकेट के नियम बनाने वाली संस्थामैरीलेबोन क्रिकेट क्लब (MCC) के अनुसार गेंद तब वाइड मानी जाती है जब वह बल्लेबाज के पहुंच से इतनी दूर हो कि वह उसे बल्ले से मार सके। नियम यह भी कहते हैं कि बल्लेबाज के हिलने-डुलने अंपायर फैसला लेगा कि गेंद उसके पहुंच से दूर है या नहीं।”

शतक से चूक सकते थे विराट कोहली

विराट कोहली गेंद की लाइन से हटे थे। इस वजह से अंपायर ने वाइड नहीं दिया। ऐसा नहीं होता तो गेंद वाइड जी जाती और वह शतक से चूक सकते हैं। भारत को एक रन चाहिए होते। नसुम अहमद वाइड या नो बॉल फेंक सकते थे। स्टार स्पोर्ट्स पर कमेंट्री कर रहे दीप दासगुप्ता ने पोस्ट मैच शो में चुटकी लेते हुए कहा,”विराट कोहली ने केएल राहुल और फिर अंपायर की मदद से अपना शतक पूरा किया।” कोहली की टीम के साथी कुलदीप यादव भी अंपयार को वाइड न देता देख ड्रेसिंग रूम में हंस रहे थे।

बल्लेबाज मूव करता है तो गेंद वाइड नहीं दी जाती

स्पोर्टस्टार के अनुसार पूर्व इंटरनेशनल अंपायर विनायक कुलकर्णी ने कहा, “एकदिवसीय क्रिकेट में लेग स्टंप बाहर जाती गेंद वाइड होती है जो लेग-स्टंप, लेकिन इसमें एक पेंच है। यदि बल्लेबाज हिलता नहीं है और गेंद उसे लगती है तो यह वाइड नहीं होती। अगर बल्लेबाज मूव करता है तो गेंद वाइड नहीं दी जाती। अगर कोहली उस गेंद के लिए थोड़ा अंदर नहीं गए होते तो अंपायर की राय में गेंद उन्हें ही लग जाती। यदि गेंद बल्लेबाज को लग जाती है,तो वाइड का कोई सवाल ही नहीं है।”