वर्ल्ड कप 2023 में सोमवार, 16 अक्टूबर को श्रीलंका-ऑस्ट्रेलिया के बीच मैच के दौरान टीम इंडिया के पूर्व स्पिनर हरभजन सिंह ने 2003 वर्ल्ड कप फाइनल की कहानी सुनाई। श्रीलंका की पारी के दौरान वह भारतीय घरेलू क्रिकेट के दिग्गज अमोल मजूमदार के साथ स्टार स्पोर्ट्स हिंदी पर कमेंट्री कर रहे थे। इस दौरान 20 साल पहले ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की दिल तोड़ने देने वाली हार के बारे में बताया। इस दौरान भज्जी का दर्द छलका। भज्जी ने उस मैच में ऑस्ट्रेलिया के दोनों विकेट लिए थे,लेकिन उन्होंने सिर्फ 8 ओवर किए थे। उन्होंने यह भी बताया कि शतकवीर रिकी पोंटिंग जब आए तब उन्हें गेंदबाजी से हटा दिया गया।

रिकी पोंटिंग ने उस मैच में 140 रन की पारी खेली थी, लेकिन 40 रन पर उन्हें अंपायर से जीवनदान मिला था। दिनेश मोंगिया की गेंद पर उन्हें एलबीडब्ल्यू नहीं दिया गया था। हरभजन का कहना है कि अगर डीआरएस होता तो कहानी कुछ और हो सकती थी। भज्जी ने इसके अलावा टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी के फैसले को सही बताया। उन्होंने कहा कि तेज गेंदबाज जवागल श्रीनाथ और जहीर खान शुरू में परिस्थितियों का फायदा नहीं उठा पाए।

श्रीनाथ और टॉस को लेकर क्या बोले हरभजन सिंह

ऑस्ट्रेलिया बहुत जबरदस्त खेली थी। 359 रन बना दिए थे। 2 ही विकेट गिरे थे। भारत 234 ज्यादा रन नहीं बनाए। वीरू की पारी बहुत ताबड़तोड़ थी। जबरदस्त पारी थी वीरू की अकेले ही लड़ते रह गए। पर रन बहुत ज्यादा बनवा दिए थे। इस मैच में याद है कि जोश जो था बहुत ज्यादा था होश कम था। शुरुआत अच्छी नहीं की थी। जहीर खान थोड़े एक्साइटेड थे शुरू में। श्रीनाथ जी थे। श्रीनाथ जी ने पूरे टूर्नामेंट में बॉल आगे की तरफ किया था। ड्राइव कराते थे, पर इस मैच में काफी छोटा गेंद किया। जो परिस्थितियां थीं लोगों ने कहा टॉस जीतकर आपने बल्लेबाजी क्यों नहीं की? मेरे लिहाज से यह सही निर्णय था कि गेंदबाजी करनी थी। विकेट काफी ज्यादा डैंप थी। आगे बॉल डाला होता तो मुझे लगता है कि हमारे सीमर्स विकेट ले सकते थे।

फाइनल में ऑस्ट्रेलिया की 2 विकेट गिरी थीं। दोनों विकेट हरभजन सिंह ने ली थी। इसे लेकर हरभजन सिंह ने कहा, “जी, हां वो दो विकेटें युवा हरभजन सिंह। बड़ा शॉट खेलने के प्रयास में एडम गिलक्रिस्ट कैच आउट हुए थे। वीरू ने अच्छा कैच पकड़ा था।” मैथ्यू हेडन के विकेट को लेकर हरभजन ने कहा, ” फिर ये गेंद देखिए कितना स्पिन हुआ था। पिच पर नमी थी। लगातार ये दो विकेटें आई थीं। आप देख सकते हैं गेंद कितनी स्पिन हुई थी। धीरे कर रहा था गेंद। कोशिश ये थी कि स्पिन ज्यादा कराया जाए, क्योंकि दोनों लेफ्ट हेंडर थे।

हरभजन सिंह को दो ओवर बचे रहने का मलाल

हरभजन सिंह ने आगे कहा, “स्टार्ट बहुत बढ़िया था ऑस्ट्रेलिया का। राहुल द्रविड़ ने पीछे अच्छा कैच भी पकड़ा था। यहां पर राह जरूर खुली थी। उसके बाद मुझे बॉलिंग से हटा दिया गया था। दादा ने कहा था कि बाद में कराएंगे। दो आउट हो गए अब किसी और को करवाते हैं। उस मैच में एक चीज जिससे मेरा आज भी मन खराब होता है वो है कि दो ओवर बचे हुए थे मेरे। वो पहला स्पेल था मेरा, जिसमें मैंने दो विकेटें लीं। वो दो ओवर मुझसे उसी वक्त कराना था। रिकी पोंटिंग का रिकॉर्ड मेरे सामने उतना अच्छा नहीं है। वो एक बेस्ट चांस होता रिकी पोंटिंग को मैं आउट कर पाता। पर वहां वो करवाया नहीं। रोक के रखा कि बाद में करवाएंगे तब रिकी पोंटिंग सेट हो चुके थे।”

रिकी पोंटिंग को अंपायर ने दिया जीवनदान

रिकी पोंटिंग 40 रन पर खेल रहे थे तब दिनेश मोंगिया कि गेंद पर उन्हें एलबीडब्ल्यू नहीं दिया गया। इसे लेकर हरभजन सिंह ने कहा, ” दिनेश मोंगिया की गेंद बिल्कुल बीच में लगी थी। मुझे नहीं लगता ये स्टंप के ऊपर से निकलती। मिडिल स्टंप पर गेंद लगती। वहां अगर ये डिसिजन इंडिया के फेवर में जाता। तब डीआरएस होता तो शायद चीजें बदल सकती थीं हमारे लिए। पोंटिंग ने उसके बाद क्या बल्लेबाजी की। ऐसी बल्लेबाजी कि तोड़कर रख दिया। कोई भी आए हर ओवर में एक-एक छक्का तो मार ही रहे थे। रिकी पोंटिंग की वह बहुत जबरदस्त वो पारी थी। ऐसी पारी कि जो गेम को दूर ले गई। ये जब मुझे गेम में लेकर आए बाद में। तब रिकी पोंटिंग सेट हो चुके थे। जब मैं शुरू में गेंदबाजी कर रहा था तब लेकर आते तो पोंटिंग दो ओवर पहले हिले नहीं थे। जब सेट हो गए तब उन्होंने किसी को नहीं छोड़ा।”