जिंदगी में कभी-कभी आपको वह मिल जाता है जिसकी आपने कल्पना तक नहीं की होती है और इसका सबसे बड़ा उदाहरण लोकेश कुमार हैं। 29 साल के लोकेश स्विगी डिलीवरी मैन हैं जो भोजन वितरित करने का काम कर रहे थे, लेकिन अब वह नीदरलैंड क्रिकेट टीम के स्पोर्ट स्टाफ बन गए हैं। लोकेश को डक टीम ने वनडे वर्ल्ड कप की तैयारी के लिए नेट गेंदबाज के रूप में चुना है।
फूड डिलीवरी करने वाले लोकेश बने वर्ल्ड कप के लिए नीदरलैंड्स के नेट गेंदबाज
लोकेश पिछले चार साल से स्विगी के साथ काम कर रहे थे और अब उन्हें नेट गेंदबाज के रूप में चयनित कर लिया गया है। दरअसल नीदरलैंड क्रिकेट टीम के द्वारा सोशल मीडिया पर एक विज्ञापन दिया गया जिसमें उन्होंने लिखा कि उन्हें स्पिन गेंदबाजों की तलाश है जो वनडे वर्ल्ड कप की तैयारी के लिए नेट में गेंदबाजी कर सकें। लोकेश ने भी अपनी किस्मत आजमाई और डच टीम के साथ जुड़ गए जो अभी अलूर में है। इस पोस्ट के लिए दस हजार आवेदन आए थे और इन सबको पीछे छोड़कर लोकेश ने बाजी मार ली जो बाएं हाथ के चाइनामैन गेंदबाज हैं।
मैनेजमेंट को पसंद आया लोकेश का वीडियो
नेट गेंदबाज बनने के लिए जिन आवेदकों ने अपने-अपने वीडियो डच टीम को भेजे थे जिसमें लोकेश का वीडियो नीदरलैंड टीम मैनेजमेंट को काफी दिलचस्प लगा और उन्हें बुलाया गया। डच टीम को लगा कि स्विगी डिलीवरी मैन उन्हें विश्व कप के दौरान भारत की स्पिन पिचों अच्छी तैयारी करने में मदद करेगा। नेट गेंदबाज के रूप में चुने जाने वाले लोकेश इस सफलता के बाद अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख सके और उन्होंने डच टीम का आभार जताया। उन्होंने कहा कि यह मेरे करियर के बेहद अनमोल पलों में से एक है और मैंने अभी तक टीएनसीए थर्ड-डिवीजन लीग में भी नहीं खेला है।
लोकेश की प्रतिभा को मिली पहचान
लोकेश ने कहा कि मैंने चार साल तक पांचवें डिवीजन में खेला है, और मैंने मौजूदा सीजन के लिए चौथे डिवीजन संगठन इंडियन ऑयल (आरओ) एस एंड आरसी के लिए पंजीकरण कराया है। नीदरलैंड द्वारा नेट गेंदबाज के रूप में चुने जाने के बाद, मुझे लगता है कि आखिरकार मेरी प्रतिभा को पहचान मिल गई है। उन्होंने आगे कहा कि नीदरलैंड टीम के सदस्यों ने खुले दिल से मेरा स्वागत किया और सत्र की शुरुआत से पहले नेट गेंदबाजों के लिए एक प्रेरणा समारोह का आयोजन किया गया था। खिलाड़ियों ने हमसे कहा कि यह आपकी टीम है। मुझे पहले से ही लगता है कि मैं डच परिवार का हिस्सा हूं।