2023 विश्व कप टूर्नामेंट विवादों से अछूता नहीं रहा है। इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच टूर्नामेंट के पहले मैच में ज्यादा भीड़ देखने को नहीं मिली थी, लेकिन शाम तक लगभग 47,000 दर्शक मैच देखने के लिए आ गए। स्टेडियमों में क्राउड की संख्या इस वर्ल्ड कप में चर्चा का केंद्र रहा है। हालांकि, भारत-पाकिस्तान मैच के दौरान दुनिया का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम नरेंद्र मोदी स्टेडियम खचाखच भरा हुआ था। रिकॉर्ड एक लाख दर्शक मैच देखे थे।

हाल ही में भारत-न्यूजीलैंड सेमीफाइनल के लिए इस्तेमाल की गई पिच को लेकर हंगामा मचा था। कहा गया कि मेजबान टीम ने आईसीसी की मंजूरी के बिना पिच में बदलाव कर दिया। यह भारत और बीसीसीआई पर लगाया गया एक और आरोप था। इसके अलावा धर्मशाला में आउटफील्ड और दिल्ली में पर्यावरण की स्थिति को भी उछाला गया।

इंग्लैंड के पूर्व बल्लेबाज मार्क रामप्रकाश का कहना है कि कुछ लोग हमेशा ऐसी घटनाओं को खोजते रहते हैं ताकि भारतीय क्रिकेट की गलत छवि पेश की जा सके। उन्होंने गार्जियन में लिखा है कि क्रिकेट में भारत के प्रभुत्व को स्वीकारने में कुछ लोगों को दिक्कत होती है।

क्रिकेट में भारत की पावर को नहीं पचा पा रहे कुछ लोग

राम प्रकाश का मानना है जानबूझकर लोग नकारात्मक हैं। उन्हें लगता है कि कुछ लोग पूर्वाग्रह के शिकार हैं, जो भारत को एक उपनिवेश (colony) के तौर पर देखते हैं और क्रिकेट में उसकी शक्ति को पचा नहीं पा रहे हैं।

क्रिकेट विश्व कप बहुत सफल रहा

रामप्रकाश ने लिखा कि 47 मैच खेले जा चुके हैं और एक मैच बाकी है। रविवार को अहमदाबाद में भारत-ऑस्ट्रेलिया मैच का नतीजा कुछ भी हो, क्रिकेट विश्व कप बहुत सफल रहा है। बेशक अद्भुत क्रिकेट हुआ है, लेकिन आपको उस लॉजिस्टिक ऑपरेशन की भी प्रशंसा करनी होगी जिसने टूर्नामेंट को इस विशाल देश में बगैर किसी परेशानी के करा दिया है।

हर मोड़ पर भ्रष्टाचार या साजिश ढूंढा जा रहा

इसके बावजूद मुझे लगता है कि कुछ लोग और मीडिया का कुछ वर्ग हर मोड़ पर भ्रष्टाचार या साजिश ढूंढ रहा है। धर्मशाला में खराब आउटफील्ड, दिल्ली में वायु प्रदूषण और वानखेड़े में कौन सा विकेट इस्तेमाल किया जा रहा है, यह सब खबरें इसे बयां करती हैं।

कौन हैं मार्क राम प्रकाश

मार्क रामप्रकाश, इंग्लैंड के पूर्व अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी हैं, जिन्होंने 1991 से 2002 के बीच 52 टेस्ट और 18 वनडे खेले। 2014 से 2019 तक टेस्ट में इंग्लैंड के बैटिंग कोच रहे। उनका जन्म 5 सितंबर 1969 को हर्टफोर्डशायर के बुशे में हुआ था। वह इंडो-गुयाना और अंग्रेजी मूल से संबंध रखते हैं। ब्रिटिश गुयाना में पैदा हुए उनके पिता इंडो-गुयाना थे और उनकी मां अंग्रेज थीं। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2001 में जब इंग्लैंड की टीम भारत दौरे पर आई तब राम प्रकाश ने बताया था कि उनके पिता के दादा-दादी उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर से थे।