2 अप्रैल का दिन भारतीय क्रिकेट टीम के लिए बहुत खास है। साल 2011 में इसी दिन महेंद्र सिंह धोनी ने 28 साल का सूखा खत्म किया था। जी हां, 2011 में आज ही के दिन मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में छक्का लगाकर धोनी भारत को दूसरी बार वनडे वर्ल्ड कप चैंपियन बनाया था। कपिल देव की अगुआई में भारतीय क्रिकेट टीम पहली बार 5 जून 1983 को वर्ल्ड चैंपियन बनी थी।

भारतीय क्रिकेट टीम ने 2 अप्रैल 2011 को खेले गए फाइनल मैच में श्रीलंका को मात दी थी और अपने छठे वर्ल्ड कप में सचिन तेंदुलकर पहली बार इसकी ट्रॉफी पर कब्जा जमा पाए थे। धोनी के उस विजयी छक्के ने तब ऐसा लगा था कि एक पल के लिए सब कुछ ठहर गया है। खिलाड़ियों के चेहरे खुशी के आंसू थे। मैदान में मौजूद हर क्रिकेट प्रशंसक इस लम्हे को कैद करने में जुटा था। देश की सड़कों पर तिरंगा लहराते फैंस ही दिखाई दे रहे थे। आइए, कोरोनावायरस के खौफ के बीच 9 साल पहले के उस खुशनुमा पल को फिर से जीते हैं।

भारत ने सेमीफाइनल में पाकिस्तान को 29 रन से हराया था
30 मार्च 2011 को वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल खेला गया। मोहाली के स्टेडियम में चिर प्रतिद्वंद्वी भारत और पाकिस्तान आमने-सामने थे। भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में 9 विकेट पर 260 रन बनाए। सचिन तेंदुलकर ने 11 चौकों की मदद से 115 गेंद में 85 रन बनाए। वीरेंद्र सहवाग ने 9 चौकों के दम पर 25 गेंद में 38 रन की पारी खेली थी। लक्ष्य का पीछा करने उतरी पाकिस्तान की पूरी टीम 49.5 ओवर में 231 रन पर आलआउट हो गई। भारत की ओर से जहीर खान, आशीष नेहरा, मुनाफ पटेल, हरभजन सिंह और युवराज सिंह ने 2-2 विकेट लिए थे। सचिन मैन ऑफ द मैच रहे थे।

टीम इंडिया ने फाइनल में हासिल किया था सबसे बड़ा लक्ष्य
मुंबई के वानखेडे स्टेडियम में विश्व कप 2011 का फाइनल खेला गया। फाइनल में दोनों एशियाई टीमें (भारत और श्रीलंका) आमने-सामने थीं। श्रीलंका ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 6 विकेट पर 274 रन का स्कोर खड़ा किया। उस समय वर्ल्ड कप में कोई भी टीम इतने बड़े लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाई थी, लेकिन टीम इंडिया ने इतिहास रचा। उसने 48.2 ओवर में 4 विकेट पर 277 रन बनाकर वर्ल्ड कप जीत लिया था।


फाइनल में श्रीलंका की ओर से महेला जयवर्धने ने 88 गेंदों पर नाबाद 103 रन बनाए थे। कप्तान कुमार संगकारा ने 48 रन की पारी खेली थी। भारत की ओर से युवराज सिंह और जहीर खान ने 2-2 विकेट अपने नाम किए थे। भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही। उसने 31 रन पर ओपनर वीरेंद्र सहवाग और सचिन तेंदुलकर के विकेट गंवा दिए थे, लेकिन इसके बाद गौतम गंभीर ने एक छोर पर खूंटा गाड़ दिया। उन्होंने पहले विराट कोहली के साथ 83 रन की साझेदारी की।

इसके बाद युवराज को क्रीज पर आना था, लेकिन धोनी मैदान पर पहुंचे। गंभीर और धोनी ने चौथे विकेट के लिए 109 रन की साझेदारी की। हालांकि, गंभीर 3 रन के अंतर से शतक से चूक गए, लेकिन वे अपनी जिम्मेदारी निभा चुके थे। इसके बाद धोनी और युवराज सिंह ने टीम को लक्ष्य तक पहुंचा दिया। धोनी ने नुवान कुलासेकरा की गेंद पर शानदार छक्का लगाकर 28 साल का सूखा खत्म किया। धोनी ने 8 चौके और 2 छक्के की मदद से 79 गेंद पर नाबाद 91 रन बनाए थे।