प्रीतीश राज। भारतीय मुक्केबाज निखत जरीन ने विश्व मुक्केबाजी कप फाइनल में महिलाओं के 51 किलोग्राम वर्ग में उज्बेकिस्तान की गनीवा ग्लुसेवरा को कड़ी टक्कर देते हुए 21 महीने से ज्यादा समय में अपना पहला अंतरराष्ट्रीय पदक जीता। 57 किलोग्राम वर्ग में विश्व चैंपियन जैस्मीन लाम्बोरिया एक बार फिर फाइनल में पहुंच गईं। गुरुवार को 15 भारतीय मुक्केबाज अपने-अपने फाइनल मुकाबलों में हिस्सा लेंगे।

गनीवा के खिलाफ 5-0 की जीत से निखत ने सुनिश्चित कर दिया वह गुरुवार को रजत या स्वर्ण पदक जीतेगी। इससे पहले उन्होंने फरवरी 2024 में स्ट्रैंड्जा बॉक्सिंग टूर्नामेंट में रजत पदक जीता था। 2024 के पेरिस ओलंपिक में जल्दी बाहर होने के बाद निखत ने बहुत कम अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा की है। उन्होंने इस साल की शुरुआत में केवल विश्व चैंपियनशिप में भाग लिया था। निखत 32 महीने के इंतजार के बाद अपना पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय स्वर्ण पदक जीतने के लिए गुरुवार को चीनी ताइपे की गुओ यी-झुआन से भिड़ेंगी।

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निखत ने जोरदार समर्थन के बीच रिंग में प्रवेश किया। स्कूल और कॉलेज के बच्चे दो बार की विश्व चैंपियन को एक्शन में देखने के लिए उमड़ पड़े थे। हालांकि, उनकी शुरुआत बहुत अच्छी नहीं रही। पहले 30 सेकंड तक अपनी प्रतिद्वंद्वी को परखती रहीं और फिर अपना पहला मुक्का जड़ा। निखत ने दो और बॉडी पंच लगाए। इसके बाद उज्बेक मुक्केबाज ने उन्हें जकड़ना शुरू कर दिया, जिससे कई बार मुकाबला रुका।

निखत ने तीसरे राउंड में शानदार प्रदर्शन किया

निखत ने पहला राउंड 4-1 से जीत लिया, लेकिन दूसरा राउंड मुक्केबाजी से ज्यादा कुश्ती जैसा लगा। निखत ने राउंड के पहले कुछ सेकंड में दो जैब लगाए, लेकिन दोनों मुक्केबाज तीन बार गिरीं। निखत ने तीसरे राउंड में क्लीन शॉट्स और बेहतर मूवमेंट के साथ अच्छा प्रदर्शन किया और अंततः मुकाबला 5-0 से जीत लिया।

जैस्मीन ने एक और फाइनल में बनाई जगह

57 किग्रा विश्व चैंपियन जैस्मीन लैम्बोरिया ने कजाकिस्तान की पूर्व एशियाई युवा चैंपियन उल्जान सरसेनबेक पर जीत के साथ अपने शानदार सीजन को जारी रखा। अपनी ऊंचाई के फायदे और बेहतरीन लय के मद्देनजर जैस्मीन ने राउंड की धीमी शुरुआत के बाद अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया। उन्होंने कजाकिस्तान की मुक्केबाज पर मुकाबले की शुरुआत में ही अपना दबदबा बना लिया। दूसरे राउंड के बाद यह साफ हो गया कि जैस्मीन मुकाबला जीत दर्ज करेंगी और अपने करियर के सर्वश्रेष्ठ सीजन में एक और फाइनल में पहुंचेंगी।

15 भारतीय मुक्केबाज फाइनल में

निकहत और जैस्मीन के अलावा जदुमणि सिंह मंदेंगबाम (50 किग्रा), पवन बर्तवाल (55 किग्रा), सचिन सिवाच (60 किग्रा) और हितेश गुलिया (70 किग्रा) ने फाइनल में प्रवेश किया। अन्य भारतीयों में नीरज फोगट (65 किग्रा), जुगनू (85 किग्रा) और सुमित कुंडू (75 किग्रा) सेमीफाइनल में क्रमशः चीनी ताइपे के ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता चेन निएन-चिन, उज्बेकिस्तान के युलदोशेव जसुरबेक और पोलैंड के जार्लिंस्की मिशल से हारकर टूर्नामेंट से बाहर हो गए और कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा। गुरुवार को 15 भारतीय मुक्केबाज अपने-अपने फाइनल मुकाबलों में हिस्सा लेंगे।