महिला वर्ल्ड कप 2025 के सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलिया से भिड़ंत से पहले भारत को सोमवार (27 अक्टूबर) को बड़ा झटका लगा। फॉर्म में चल रहीं ओपनर प्रतिका रावल चोटिल होने के कारण टूर्नामेंट से बाहर हो गईं। सालभर से भी कम समय में प्रतिका ने भारतीय टीम में अपनी धाक जमा ली। अंपायर की बेटी प्रतिका ने दिसंबर 2024 में डेब्यू करने के बाद से 23 पारियों में ही 1000 रन पूरा करके विश्व रिकॉर्ड की बराबरी कर ली। उनके अलावा आस्ट्रेलिया की लिंडसे रीलर ने भी इतनी ही पारियों में यह कमाल किया था।
खेल के साथ-साथ पढ़ाई में भी अव्वल रहने के कारण ‘क्रिकेट साइंटिस्ट’ कही जाने वालीं प्रतिका ने 6 पारियों में 51.33 के औसत से 308 रन बनाकर अपना वर्ल्ड कप अभियान समाप्त किया। प्रतिका ने साल 2021 में घरेलू क्रिकेट में दिल्ली की ओर से खेलना शुरू किया था। तीन साल तक दिल्ली से खेलने के बाद 2024 के घरेलू सीजन से पहले वह रेलवे टीम से जुड़ गईं। घरेलू क्रिकेट में असम के खिलाफ 155 गेंदों में 161 रन की पारी खेलने के बाद वह चर्चा में आईं।
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छठे वनडे मे शतक
2023-24 के घरेलू सीजन में प्रतिका ने अपने बल्ले से शानदार प्रदर्शन किया और आठ पारियों में 411 रन बनाए, जिनमें दो शतक शामिल थे। इसके बाद दिसंबर 2024 में उन्हें भारत की ओर से वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे खेलने का मौका मिला। प्रतिका रावल ने इस अवसर को भुनाने में देर नहीं की। अपने छठे वनडे मुकाबले में ही उन्होंने 129 गेंदों में 154 रन की पारी खेली, यह उनके अंतरराष्ट्रीय करियर का पहला शतक था। इसके साथ ही उन्होंने स्मृति मंधाना के साथ पहले विकेट के लिए 233 रन की साझेदारी भी की।
प्रतिका को ‘क्रिकेट साइंटिस्ट’ किसने कहा?
क्रिकेट कमेंटेटर जतिन सप्रू ने गेंदबाजों को समझने की उनकी क्षमता की वजह से प्रतिका को ‘क्रिकेट साइंटिस्ट’ तक कहा है। प्रतिका की कहानी इसलिए भी दिलचस्प है क्योंकि वह पढ़ाई में भी काफी अच्छी रही हैं। अक्सर खिलाड़ियों के बारे में ये सुनने को मिलता है कि वे स्कूल के दिनों से ही खेल को प्राथमिकता देते रहे हैं और पढ़ाई को साथ-साथ संभालते रहे हैं, लेकिन प्रतिका के साथ ऐसा बिल्कुल नहीं था।
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दादा के कारण खेल के साथ-साथ पढ़ाई को प्राथमिकता
प्रतिका ने पढ़ाई को उतनी ही प्राथमिकता दी, जितनी खेल को। उनके पिता प्रदीप रावल बताते हैं कि इसके पीछे की वजह प्रतिका के दादा हैं। वह कहते हैं, प्रतिका के दादा ने हमेशा पढ़ाई को प्राथमिकता दी। उनका मानना था कि पढ़ाई हर क्षेत्र में मदद करती है, चाहे वह क्रिकेट हो या कुछ और इसी वजह से प्रतिका ने पढ़ाई में हमेशा ध्यान दिया।
12वीं में 92.5 फीसद अंक
प्रतिका रावल ने दिल्ली के बाराखंभा स्थित मॉडर्न स्कूल से पढ़ाई की है। उन्होंने 12वीं में 92.5 फीसद अंक हासिल किए। इसके बाद उन्होंने जीसस एंड मैरी कालेज से मनोविज्ञान में स्नातक की डिग्री ली। प्रतिका के पिता प्रदीप रावल भी क्रिकेटर रहे हैं। उन्होंने विवि स्तर तक क्रिकेट खेला है और वर्तमान में अंपायर हैं। वह बताते हैं कि घर में एथलीट होने की वजह से प्रतिका का शुरू से ही खेलों के प्रति झुकाव रहा। वे कहते हैं, तीन साल की उम्र में ही उसने बैट पकड़ना सीख लिया।
