भारतीय खिलाड़ियों के लिये विंबलडन टेनिस टूर्नामेंट में गुरुवार का दिन मिश्रित परिणाम वाला रहा तथा जहां लिएंडर पेस ने मिश्रित युगल के सेमीफाइनल में जगह बनायी वहीं सानिया मिर्जा और रोहन बोपन्ना को अपने अपने वर्गों में हार का सामना करना पड़ा।

पेस और स्विट्जरलैंड की मार्टिना हिंगिस की सातवीं वरीयता प्राप्त जोड़ी ने क्वार्टर फाइनल में पोलैंड के मार्सिन माटकोवस्की और रूस की इलेना वेसनिना की जोड़ी को केवल 44 मिनट में 6-2, 6-1 से हराया। उन्हें फाइनल में जगह बनाने के लिए माइक ब्रायन और बेथानी माटेक सैंडस की शीर्ष वरीय अमेरिकी जोड़ी से भिड़ना होगा।

सानिया और ब्राजील के ब्रूनो सोरेस की दूसरी वरीयता प्राप्त जोड़ी मिश्रित युगल के क्वार्टर फाइनल में ऑस्ट्रिया के अलेक्सांद्र पेया और हंगरी की टिमिया बाबोस की पांचवीं वरीय जोड़ी से दो घंटे 21 मिनट तक चले कड़े मुकाबले में 6-3, 6-7, 7-9 से हार गई। सानिया की उम्मीद अब महिला युगल पर टिकी हैं जहां उन्होंने हिंगिस के साथ पहले ही सेमीफाइनल में प्रवेश कर लिया था।

इससे पहले पुरुष युगल के सेमीफाइनल में बोपन्ना और रोमानिया के उनके जोड़ीदार फ्लोरिन मर्जिया की जोड़ी को नीदरलैंड के जीन जूलियन रोजर और रोमानिया के होरिया टेकाउ के हाथों पांच सेट तक चले मैराथन मुकाबले में 6-4, 2-6, 3-6, 6-4, 11-13 से हार का सामना करना पड़ा। यह मैच तीन घंटे 23 मिनट तक चला लेकिन आखिर में बोपन्ना का पहली बार विंबलडन फाइनल में पहुंचने का सपना टूट गया।

पेस और हिंगिस की जोड़ी अपनी प्रतिद्वंद्वी पर शुरू से ही हावी हो गई। आलम यह था कि मैच में एक बार भी उन्होंने माटकोवस्की और वेसनिना को ब्रेक प्वाइंट लेने की स्थिति में नहीं पहुंचने दिया जबकि इस बीच उन्हें अपनी प्रतिद्वंद्वी जोड़ी की सर्विस तोड़ने के जो चार मौके मिले उन सभी में वे सफल रहे।

सानिया और सोरेस ने भी अच्छी शुरुआत की थी और उन्हें पहला सेट जीतने में किसी तरह की दिक्कत नहीं हुई लेकिन पेया और बाबोस की पांचवीं वरीय जोड़ी ने दूसरे सेट में अच्छी वापसी। वे इस सेट को टाईब्रेकर तक ले गए जिसमें उन्होंने 8-6 से जीत दर्ज की।
तीसरे और निर्णायक सेट में कड़ा मुकाबला देखने को मिला। दोनों जोड़ियों ने शुरू में आसानी से अपनी सर्विस बचायी लेकिन पेया और बाबोस 15वें गेम में सानिया और सोरेस की सर्विस तोड़ने में सफल रहे। भारत और ब्राजीली जोड़ी ने इसके बाद वापसी की कोशिश की लेकिन अगले गेम में उन्होंने दो बार ब्रेक प्वाइंट लेने का मौका गंवाया।

बोपन्ना और मर्जिया को भी पुरूष युगल में पांचवें और निर्णायक सेट में इसी तरह से हार का सामना करना पड़ा। आखिरी सेट दोनों जोड़ियों के धैर्य की परीक्षा था। दोनों ने 23 गेम तक अपनी सर्विस को बचाये रखा। पांचवें सेट के 24 वें गेम में भारतीय-रोमानियन जोड़ी की सर्विस टूट गयी और इसके साथ ही इस प्रतियोगिता में उनका सफर भी समाप्त हो गया।

बोपन्ना इससे पहले 2013 में पांच सेटों तक चले मैराथन सेमीफाइनल में मामूली अंतर से फाइनल में जगह बनाने से चूक गए थे। संयोग से उस समय जूलियन रोजर उनके जोड़ीदार थे।