क्रुणाल पंड्या ने 26 गेंद में हॉफ सेंचुरी ठोक वनडे में डेब्यू मैच में सबसे तेज अर्धशतक बनाने का रिकॉर्ड अपने नाम किया। मैच के बाद वह ब्रॉडकॉस्टर्स से बातचीत के दौरान दिवंगत पिता को याद करते हुए भावुक हो गए। इस बीच, इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में क्रुणाल पंड्या के बचपन के कोच जितेंद्र सिंह ने भी भारतीय ऑलराउंडर के पिता हिमांशु पंड्या से जुड़ी कुछ पुरानी बातें बताईं।
जितेंद्र सिंह ने बताया, ‘हिमांशु भाई ने हमेशा क्रुणाल के इंडिया खेलने का सपना देखा था।’ जितेंद्र सिंह ने बताया, ‘क्रुणाल के पिता अक्सर मुझसे पूछा करते थे, ईमानदारी से बताओ, क्या क्रुणाल इंडिया के लिए खेलेगा? खेलेगा ये? बहुत से लोग नहीं जानते हैं कि हार्दिक से ज्यादा वह क्रुणाल ही था जिसके लिए पिता ने देश के लिए खेलते देखने का सपना देखा था। मैं क्रुणाल पंड्या के भावुक होने के जज्बात समझ सकता हूं। क्रुणाल के बल्ले पर उनके पिता का ही नाम लिखा हुआ है।’
जितेंद्र सिंह ने कहा कि हालांकि, सपना सच होने में परिस्थितियां रोड़ा बन गईं। साल 2008 के आसपास उनके पिता को पहली बार हार्ट अटैक पड़ा। अगले साल से लेकर 2014 तक उनका धंधा मंदा पड़ गया। जितेंद्र सिंह ने बताया, ‘हिमांशुभाई को दिल का दौरा पहला झटका था। फिर उनका धंधा मंदा हो गया। पैसा खत्म हो गया। उन्होंने एक सपना देखा था कि क्रुणाल भारत के लिए खेले।’
कोच ने बताया, ‘हार्दिक तब छोटा था, लेकिन आर्थिक तंगी ने क्रुणाल को व्यथित और विचलित कर दिया था। क्रुणाल भी छोटा था, लेकिन बड़ा बेटा था। जैसे-जैसे साल बीतते गए, विशेषकर आर्थिक तंगी के दौरान, वह टूटने (क्रुणाल) लगा। कहता था, पैसा कहां से आएगा, घर कैसे चलेगा। मैं बड़ा हूं, क्या मुझे एक स्थायी नौकरी करनी चाहिए। इसी तरह की बातें सोचा करता था।’
जितेंद्र सिंह के मुताबिक, ‘क्रुणाल का आत्मविश्वास डगमगाने लगा था। यह भी उसकी राह में बाधा बना। हालांकि, युवा भाई हार्दिक स्पोर्ट में अच्छा कर रहा था। इससे क्रुणाल को फिर प्रेरणा मिली।’
जितेंद्र ने बताया, ‘मैं कहूंगा कि छोटे भाई की सफलता ने बड़े भाई को फिर से ट्रैक पर लौटाया। वह सोचने लगा कि यह एक असंभव सपना नहीं था। वह सोचता था कि यदि हार्दिक कर सकता है तो मैं भी कर सकता हूं। वह नए जोश के साथ खेल में लौटा। यह तब की बात है जब अंडर-23 ग्रुप में खेलने की उम्र में था।’
पापा यह आपके लिए, क्रुणाल ने पिता को समर्पित की डेब्यू पारी
क्रुणाल पंड्या ने मैच के बाद ट्वीट किया, ‘पापा, हर गेंद के साथ आप हमेशा मेरे दिमाग और दिल में थे। अपने साथ आपकी मौजूदगी महसूस करते ही मेरे चेहरे पर आंसू आ गए। मेरी ताकत बनने के लिए शुक्रिया। आप मेरा सबसे बड़ा सपोर्ट थे। उम्मीद है कि मैंने आपको गर्व महसूस कराया। ये आपके लिए हैं पापा, जो कुछ भी हम करते हैं, वह आपके लिए है पापा।’