प्रत्युष राज। उत्तर प्रदेश के युवा क्रिकेटर समीर रिजवी मंगलवार, 19 दिसंबर को इंडियन प्रीमियर लीग 2024 की नीलामी में काफी महंगे बिके। वह इस ऑक्शन के सबसे महंगे अनकैप्ड खिलाड़ी रहे। चेन्नई सुपर किंग्स (CSK)ने उन्हें अपने साथ 8.40 करोड़ में खरीदा। मेरठ के रहने वाले समीर बड़े-बड़े शॉट्स लगाने के लिए जाने जाते हैं। सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में वह 10 सबसे ज्यादा छक्के लगाने वाले खिलाड़ियों में रहे। उन्होंने 16 साल की उम्र में ही फर्स्ट क्लास डेब्यू कर दिया था।
समीर क्रिकेटर बनने में मामा ने काफी अहम भूमिका निभाई है। मामा खुद क्रिकेटर बनना चाहते थे, लेकिन नहीं बन पाए। तनकीब अख्तर ने भांजे में प्रतिभा देखी। उसे भारतीय टीम के लिए खेले। हालांकि, तनकीब को इसके लिए काफी झेलना पड़ा। उनके जीजा घर आने तक पर रोक लगा दी थी। मामू अपने सपने के एक कदम और करीब आ गए।
मामा-भांजे 14 साल में केवल 14 दिन एक साथ नहीं रहे
समीर ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ” मामू हमेशा मेरे साथ रहते थे। मुझे लगता है शायद पिछले 14 सालों में मुश्किल से 14 दिन ऐसे होंगे जब वह मैदान पर मेरे साथ नहीं थे। उन्हें मुझ पर मुझसे अधिक विश्वास है। उन्होंने मुझे बैठकर नीलामी देखने के लिए मजबूर किया। मैं नहीं देखना चाहता था, लेकिन उन्होंने मुझे इसे देखने पर मजबूर किया और मुझे खुशी है कि उन्होंने ऐसा किया।”
क्रिकेट से क्या मिला तुझे
जीजा के तानों के कारण तनकीब ने अपनी बहन के घर जाना बंद कर दिया था। कई साल वह नहीं गए। वह तीन साल पहले अपने जीजा से मिलने गए थे जब 16 वर्षीय समीर ने रणजी ट्रॉफी में पदार्पण किया था। तनकीब हंसते हुए बताते हैं, ” मत बिगाड उसे, खुद की तरह मत बना, क्रिकेट से क्या मिला तुझे। ये वो शब्द थे जो मेरे जीजा जी जब भी मुझे देखते थे तो मुझसे कहा करते थे।”
समीर के पिता को रणजी डेब्यू से पहले हुए ब्रेन हेमरेज
तनकीब ने कहा, “उस समय मुझे बहुत दुख होता था। आज हम इस बात पर खूब हंसे। समीर के पिता पिछले तीन साल से ठीक नहीं हैं। समीर के रणजी में पदार्पण से कुछ दिन पहले उन्हें ब्रेन हैमरेज हुआ था। आज, मेरे जीजा ने मेरा हाथ पकड़ा और बच्चों की तरह रोये। यह हमारे परिवार के लिए बेहद भावुक पल है।”
अब है असली चैलेंज
तनकीब का कहना है कि आईपीएल नीलामी ने उनके कंधों पर और भी अधिक जिम्मेदारी डाल दी है, क्योंकि वह नहीं चाहते कि समीर भटक जाए। उन्होंने कहा, “इतना पैसा इस उम्र में, थोड़ा डर लग रहा है मुझे। एक कोच के तौर पर मेरी भूमिका खत्म हो गई है। अब उन्हें उत्तर प्रदेश, नेशनल क्रिकेट एकेडमी और चेन्नई सुपर किंग्स में अधिक योग्य कोच मिलेंगे। मेरा काम अब उसके पैर जमीन पर रखना है। यह एक कठिन काम होने वाला है।”
समीर बड़े-बड़े शॉट्स के लिए मशहूर
समीर बड़े-बड़े शॉट्स लगाने के लिए मशहूर हैं। सैयद मुश्ताक अली टी20 ट्रॉफी में वह 139.89 की औसत से 18 छक्कों के साथ शीर्ष 10 छक्के लगाने वालों बल्लेबाज थे। 20 वर्षीय खिलाड़ी ने हर 11 गेंदों पर एक छक्का लगाया। यूपी टी20 लीग में उन्होंने 122 का सर्वोच्च व्यक्तिगत स्कोर और साथ ही 47 गेंदों पर बनाया सबसे तेज शतक लगाया। कम से कम 100 रन बनाने वाले बल्लेबाजों में, उनका टूर्नामेंट में सबसे अच्छा स्ट्राइक रेट 188.80 था। समीर ने यूपी टी20 लीग में 455 रन बनाए और 35 छक्के लगाए। मेंस अंडर-23 स्टेट ए ट्रॉफी में उन्होंने 454 रन बनाए और 37 छक्के लगाए, जो टूर्नामेंट में सबसे अधिक है और अपनी टीम को खिताब दिलाया।